tag:blogger.com,1999:blog-3350941256897422195.post331886673849748388..comments2023-07-27T18:12:41.354+05:30Comments on AAVAJ: www.kavita-ratnakar.blogspot.comhttp://www.blogger.com/profile/05798725986010694167noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3350941256897422195.post-42120250807694261832010-11-08T21:59:55.552+05:302010-11-08T21:59:55.552+05:30शेखावत साहब यद्यपि आपका कहना सही है,पर एक बात जरूर...शेखावत साहब यद्यपि आपका कहना सही है,पर एक बात जरूर है की आपने सबसे सड़ी हुयी नस्ल की बात की वामपंथी ने तो इस देश का बेडा गरक कर दिया है.<br />'मुहँ में राम बगल में छूरी वाली कहावत को' चरितार्थ किये है .जिसको आप अपने से ऊपर 'बेटी देने वाले भी जातिवादी कैसे हुए आप अपनी जाती के गरीब की न तो बेटी लेते है और न ही देते है.<br />अब सवाल यह है की इस जाती रूपी जहर को कैसे मारा जाय, शेखावत से तो यह होगा नहीं पर यह करे कौन.www.kavita-ratnakar.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/05798725986010694167noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3350941256897422195.post-48360666853697774072010-10-31T09:28:28.268+05:302010-10-31T09:28:28.268+05:30जातिवाद उनमे है जिन्होंने सदियों से जाती के नाम पर...जातिवाद उनमे है जिन्होंने सदियों से जाती के नाम पर सदिओं से सब कुछ दबा रक्खा है.<br />@ जातिवाद भारत में तो सबमे है बेशक कोई अपने आपको जातिवादी न होने ढोंग करे | यदि निचली जातियों में भी जातिवाद का पता करना हो तो किसी दलित को उससे निचली जाति के दलित को अपनी बेटी ब्याहने को कहते ही पता चल जायेगा | हाँ अपने ऊपर की किसी जाति के साथ सम्बन्ध बनाने में हर कोई लालायित रहता है | वे वामपंथी भी अपने धर्म या जातिवाद से बाहर नहीं निकलते जो अक्सर धर्म व जातिवाद के खिलाफ गरियाते रहते है |Gyan Darpanhttps://www.blogger.com/profile/01835516927366814316noreply@blogger.com