सरकार बड़ी है, या दारोगा।’ बड़ी तो सरकार ही है, साहब, पर आपके राज्य में तो सरकार सबसे बड़ी भी है और सबसे छोटी भी है, पर सरकार का ही दायित्व है की अपने कर्मचारियों और अधिकारियों की रक्षा करना (यदि वे इमानदारी से काम करते हैं) पर बेईमानों का राज्य में बोलबाला है, क्यों रोज़ इनका निलंबन होता है, क्यों नहीं इनपर नकेल रखते, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की औद्योगिक नगरी में पोस्टिंग कैसे होती है किसको नहीं पता, क्या दुर्गा नागपाल विरोधी खेमें की अधिकारी हैं या दलित हैं. कोई न कोई तो कारण है अन्यथा पूरा देश जिस अधिकारी को 'इमानदार' मान रहा हो उसे आप दंगों से जोड़ रहे हो, अपनी सरकार को एक दारोगा जी से बराबरी कर रहे हों, मंत्री जी द्वारा वो भी वरिष्ठ मंत्री द्वारा सरकार के लिए अच्छी बात नहीं है, मान. मंत्री जी को पता नहीं क्यों नहीं पता की यूपी लोक सेवा आयोग के परिणामों पर इतना सख्त फैसला क्यों नहीं लिए, क्योंकि उसमें यादवों की संख्या ज्यादा थी. मंत्री जी 'सारा खेल वक़्त का है, वक़्त आने दीजिये सब याद आ जाएगा'.
यादवों की काबिलियत का इमानदार मूल्याङ्कन कौन करेगा, जिनकी नज़रों में आज तक आप का पूरा परिवार क्षम्य नहीं है, आपसे तो लोग मक्खन लगाते रहते होंगे गालियां तो हम लोगों को सुननी पड़ती है, किन कर्मों का उदाहरण दें जिनसे वो शर्मिन्दा हों, या चुपचाप सुनते रहें क्योंकि हर जगह गुंडई या दबंगई से ही बात नहीं बनती तर्क और सिद्धांत भी होते हैं अतः सरकार में बैठ कर कुछ करते रहो ऐसा नहीं, करना वो चाहिए जो अवाम को अच्छा लगना चाहिए, उनको भले न लगे जो आपके शत्रु हैं मित्रों को तो लगना ही चाहिए.
कोई बात नहीं नेता जी जो सही है करते चलिए देखा जाएगा, क्योंकि आपकी दबंगई उन दबंगों के सामने हलकी पड रही है जिन्हें आपकी वजह से झेलना पड रहा है यह भी वक़्त की ही बात है.
( सामयिक : सन्दर्भ )
दुर्गा के निलंबन वापसी से साफ इंकार, 'विचार तक नहीं होगा'
लखनऊ/ब्यूरो | अंतिम अपडेट 1 अगस्त 2013 12:04 AM IST पर
उत्तर प्रदेश के लोकनिर्माण और सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने आईएएस दुर्गाशक्ति नागपाल की निलंबन वापसी से साफ इनकार कर दिया है। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि निलंबन वापसी पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपनी हद में रहना चाहिए। जब गांव के किसी व्यक्ति ने मस्जिद निर्माण को लेकर कोई शिकायत नहीं की थी तो यह अधिकारी वहां गई ही क्यों? सपा नेता ने कहा कि यह खनन का मामला नहीं है। सीधे-सीधे प्रशासनिक मामला है। शिवपाल बुधवार को यहां पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ा दंगा बचाने के लिए नोएडा की एसडीएम दुर्गाशक्ति नागपाल का निलंबन किया गया है। उनके मस्जिद की दीवार गिरवाने से वहां स्थितियां बिगड़ गई थीं। सरकार ने शांति बनाए रखने और दंगा रोकने के लिए इस अधिकारी को निलंबित किया। अखिलेश सरकार के एक प्रभावशाली मंत्री का रुख सामने आ जाने के बाद आईएएस एसोसिएशन की दुर्गाशक्ति के निलंबन वापसी और दोबारा बहाली की मांग के अधर में लटकने का अंदेशा जताया जा रहा है।
खनन हो ही नहीं रहा तो कहां से आ गए माफिया
इस सवाल पर कि जिलाधिकारी ने खनन से संबंधित कई कागजों का उल्लेख किया है, शिवपाल ने कहा कि सरकार ने भी तथ्यों केआधार पर कार्रवाई की है। वहां आसपास खनन की कोई जगह ही नहीं है तो खनन माफिया कहां से आ गए।
इस सवाल पर कि बुधवार को भी वहां एक हत्या के पीछे भी खनन माफिया का हाथ बताया जा रहा है। शिवपाल ने कहा कि यह सब झूठ है। आज हुई हत्या की असली वजह रंजिश है।
दारोगा की बात मानोगे या सरकार की:
यह पूछने पर कि स्थानीय दारोगा भी कह रहे हैं कि मस्जिद की दीवार का कोई मामला नहीं था? शिवपाल ने पत्रकारों से कहा, ‘दारोगा की बात मानोगे या सरकार की। सरकार बड़ी है, या दारोगा।’
यह भी जोड़ा, ‘जब खनन माफिया सक्रिय थे। मैं रोज आप लोगों को बुलाकर बताता था, तब तो आप लोगों ने कुछ नहीं लिखा। अब जब अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। खनन माफिया कहीं दिख नहीं रहे हैं तो आप लोग लोग खनन माफिया के सक्रिय होने का आरोप लगा रहे हैं।’
खनन हो ही नहीं रहा तो कहां से आ गए माफिया
इस सवाल पर कि जिलाधिकारी ने खनन से संबंधित कई कागजों का उल्लेख किया है, शिवपाल ने कहा कि सरकार ने भी तथ्यों केआधार पर कार्रवाई की है। वहां आसपास खनन की कोई जगह ही नहीं है तो खनन माफिया कहां से आ गए।
इस सवाल पर कि बुधवार को भी वहां एक हत्या के पीछे भी खनन माफिया का हाथ बताया जा रहा है। शिवपाल ने कहा कि यह सब झूठ है। आज हुई हत्या की असली वजह रंजिश है।
दारोगा की बात मानोगे या सरकार की:
यह पूछने पर कि स्थानीय दारोगा भी कह रहे हैं कि मस्जिद की दीवार का कोई मामला नहीं था? शिवपाल ने पत्रकारों से कहा, ‘दारोगा की बात मानोगे या सरकार की। सरकार बड़ी है, या दारोगा।’
यह भी जोड़ा, ‘जब खनन माफिया सक्रिय थे। मैं रोज आप लोगों को बुलाकर बताता था, तब तो आप लोगों ने कुछ नहीं लिखा। अब जब अवैध खनन पर पूरी तरह रोक लगी हुई है। खनन माफिया कहीं दिख नहीं रहे हैं तो आप लोग लोग खनन माफिया के सक्रिय होने का आरोप लगा रहे हैं।’
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