आज मन में आया की यादवों की कौन सी ऎसी कमी है जो सबको उसका दुश्मन बना देती है ; अति विश्वसनीयता !
राजनैतिक रूप से यादव की सफलता के बाद वह क्यों असफल होता है जबकि जनोपयोगी कार्यों में वो सारा समय लगा देता है !
उसके साथ जो होता है वही उसका दुश्मन होता है।
राजनैतिक रूप से यादव की सफलता के बाद वह क्यों असफल होता है जबकि जनोपयोगी कार्यों में वो सारा समय लगा देता है !
उसके साथ जो होता है वही उसका दुश्मन होता है।
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