18 अक्तू॰ 2009



अब यह देखना है की फिरोजाबाद की महान जनता क्या निर्णय लेती है |  
अब कई त्यौहार लगभग बीत गए है वैसे तो यह देश पूरे साल त्योहारों के बीच खडा रहता है. उत्तर प्रदेश के एक खास लोक सभा का चुनाव हो रहा है कभी मुलायम सिंह के खाश रहे महान अभिनेता से राजनेता बने राजबब्बर बिरोधी पार्टी से फिरोजाबाद से मुलायम सिंह यादव के पुत्र और उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी श्रीमती डिम्पल यादव अपने पति द्वारा खाली की गयी सीट से अपनी किस्मत आजमा रही है. देखना यह है की फिरोजाबाद के मतदाता परिवार वाद का वरन करते है या येसे अभिनेता का जो डिम्पल के ससुर को जो पूंजीवाद  डोर पकड़ कर समाजवाद को पूंजीवाद की जहाज पर सवार करने की प्रवृति का विरोध करते हुए मुलायम को छोड़ आये है.
अब यह देखना है की फिरोजाबाद की महान जनता क्या निर्णय लेती है |  
 

3 टिप्‍पणियां:

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

सिर्फ यादव समाज के उत्थान की चर्चा कभी भी हमारे समाज अथवा देश हित में नहीं हो सकती.
यह चुनावी मुद्दा समस्त जन हित से जुडा हुआ है.

आप हिंदी ब्लॉग पर आये आपका स्वागत है. उम्मीद है आप मेरे टिपण्णी को अन्यथा नहीं लेंगे.

Udan Tashtari ने कहा…

इन्तजार रहेगा..देखिये क्या होता है. सुनते हैं डिम्पल यादव का पलड़ा भारी है.

AAVAJ ने कहा…

आपने ठीक कहा पर बातें तो होनी चहिये और आप तक भी पहुचनी चहिये यादव क़ा मतलब यादव होना नहीं है सत्ता की जिम्मेदारी निर्वहन करना और जिम्मेदारी से निभाना -ब्रह्मिनो से भी बदतर हो जाना यादव को शोभा नहीं देता यादव कर्मठ ईमानदार और चरित्रवान होता है , उस साख पर बट्टा लगेगा तो राजनीति दागदार होगी इसिलिये न चिंता जाहिर की है |
आपने ब्लॉग देखा साधुबाद और अन्यथा तो लेना ही नहीं है बात तो अंतर्जालीय है |

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