9 मार्च 2010

महिला आरक्षण - दलितों एवं पिछड़ों के पैरोकार  -
संयोजन  - डॉ.लाल रत्नाकर 
आज महिला आरक्षण को लेकर जिस तरह दलितों की पैरोकार उनकी पैरोकारी करने में पिछड़ों की अनदेखी कर रही है , समय उन्हें माफ़ नहीं करेगा | देश की राज्यसभा में महिलाओं के लिए ३३%सीटों का आरक्षण का विधेयक भारी बहुमत से पास हो गया है , इसका विरोध करने वालों में जिन नामों को मिडिया बार-बार दुहरा रहा है वह लालू ,मुलायम और शरद -३ यादवों का है, विरोध का सन्देश मायावती जी का भी आया है पर राज्यसभा में उसे दिया है सतीश मिश्रा ने, सन्देश देकर बाहर जाने का निर्णय लिया . सन्देश देकर मिश्रा जी का जाना यही सन्देश जाता है की बसपा की जिस राजनीति का सूत्रधार दलित है को यह भी हक नहीं है की राज्यसभा में उसका प्रतिनिधित्व कर सके ? 


बिल में संशोधन चाहते हैं यादव नेता

Agency
नई दिल्ली. महिला आरक्षण बिल भले ही राज्यसभा में पास हो गया हो लेकिन लोकसभा में अभी भी गतिरोध बरकरार है। लोकसभा में आज भी सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और जेडीयू के नेता शरद पवार छाए रहे। इन नेताओं का कहना है कि जब सरकार महिला आरक्षण बिल में संशोधन नहीं करती है, वे शांत नहीं बैठेंगे।




आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मार्शल्स बुलाएं या सेना, जब तक सरकार बिल में दलित, पिछड़ी, मुस्लिम महिलाओं को आरक्षण नहीं देती है। हम आंदोलन खत्म नहीं करेंगे। हम विरोध करते रहेंगे। लालू ने कहा कि इस बिल की वजह से कई सांसद डरे हुए हैं। सब कह रहे हैं कि हमे बचा लो। लालू ने साफ किया है कि जब तक बिल में बदलाव नहीं किया जाता है तब तक विरोध ऐसे ही चलता रहेगा।

दूसरी ओर, मुलायम सिंह यादव ने बिल में संशोधन की मांग की है। मुलायम ने लोकसभा में कहा कि वह महिलाओं के आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन जब तक बिल में संशोधन नहीं किया जाता है, तब तक वे शांत नहीं बैठेंगे।

जेडीयू के नेता शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी से कहा है कि बिल में कुछ खामियां हैं। तो सोनिया ने कहा कि जमाना बदल गया है।

वहीं, दूसरी ओर केंद्र सरकार लोकसभा में बिल को पेश करने से पहले सर्वदलीय दलों की बैठक बुलाने के लिए तैयार हो गई है। लोकसभा में बोलते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि सरकार ने पहले काफी प्रयास किया कि राज्यसभा में बिल को पेश करने से पहले बहस करा ली जाए। लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण ऐसा नहीं हो सका। अब सरकार सर्वदलीय बैठक बुलाने को तैयार है।








लालू-मुलायम एक लड़ाई हारे तो दूसरी जीती

नीचे कुछ समाचार पात्रों में छपी खबरे प्रमाण स्वरुप -
Mar 10, 12:49 am
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महिला आरक्षण का विरोध कर रहे सपा व राजद जैसे दल राज्यसभा में भले ही लड़ाई हार चुके हों, लेकिन पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के बीच उन्होंने राजनीतिक बाजी मार ली है। सदन के अंदर और बाहर दोनों दलों ने यह संदेश देने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि सरकार पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को नजरअंदाज कर रही है। जाहिर है कि खास कर सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस के साथ गए अल्पसंख्यक मतदाताओं में अब इसी बहाने सेंध लगाने की कोशिश हो सकती है।
महिला आरक्षण के खिलाफ पिछले दो दिनों से चल रहे विरोध में पिछड़ों की राजनीति करने वाले दलों ने अपना राजनीतिक हथियार तेज कर लिया है। राज्यसभा में सपा और राजद के सदस्य निलंबित हुए और जबरन निकाले गए तो उसका भी राजनीतिक फायदा उठाने की तैयारी हो गई है। इस मुद्दे पर विभाजित जद [यू] दोनों तरफ से इसका लाभ देख रहा है।
संसद के दोनों सदनों में इन दलों ने मंगलवार को रणनीति थोड़ी बदली थी। पहले दिन से अलग, कुछ नए नारे गढ़े गए और यह सुनिश्चित किया कि पिछड़ों, दलितों और अल्पसंख्यकों का नाम जरूर लिया जाए। उन तक यह संदेश जरूर पहुंचे कि लड़ाई उनके लिए लड़ी जा रही है। शायद इसी कारण मंगलवार को राजद के वरिष्ठ सदस्य रघुवंश प्रसाद जैसे नेता को सरकार के खिलाफ नारेबाजी में आगे उतारा गया। मुलायम, लालू और शरद ने कई बार अध्यक्ष की मेज तक जाकर विरोध जताने में कोई संकोच नहीं किया।
इधर, संसद के बाहर मुलायम और लालू ने सरकार को अल्पसंख्यक और पिछड़ा विरोधी करार देते हुए लंबी लड़ाई लड़ने की चेतावनी दी। उनका कहना था सरकार की मनमानी ने आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दी है। इसका खामियाजा भुगतना होगा। उन्होंने यह भविष्यवाणी भी कर दी कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सकेगी। लालू बुधवार को राष्ट्रपति से मुलाकात कर सरकार से समर्थन वापसी की औपचारिकता पूरी करेंगे। मुलायम ने भी इसकी घोषणा कर ही दी है।
इधर जद [यू] विभाजित तो है लेकिन वह भी बिहार के आगामी चुनाव को देखते हुए इसका राजनीतिक फायदा देख रहा है। राज्य में नीतीश का समर्थन उच्च वर्गो के बीच फिर से एक रास्ता बना सकता है, जबकि पार्टी अध्यक्ष शरद का रुख पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को बिदकने से रोक सकता है। 












महिला आरक्षण विधेयक पर जारी बवाल

लालू
लालू, मुलायम और शरद यादव महिला विधेयक का विरोध कर रहे हैं.
संसद में महिला विधेयक को लेकर अब फै़सला प्रधानमंत्री करेंगे.
रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विधेयक का विरोध कर रहे लालू, मुलायम और शरद यादव से मुलाक़ात करेंगे और इसके बाद ही कुछ तय किया जाएगा.
कांग्रेस पार्टी का कहना है कि राज्य सभा में सोमवार को विधेयक को लेकर हुई ज़बर्दस्त झड़प के बाद मतदान टाल दिया गया था और अब इस पर प्रधानमंत्री फ़ैसला करेंगे.
मंगलवार को सुबह साढ़े नौ बजे प्रधानमंत्री की मुलाक़ात शरद, लालू और मुलायम से होने वाली है जिसके बाद ग्यारह बजे सदन की कार्यवाही शुरु होगी.
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने एक बार फिर महिला विधेयक के समर्थन में व्हिप जारी किया है.
उधर विधेयक का समर्थन कर रही भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस की आलोचना की है और कहा है कि सत्तारुढ़ पार्टी विधेयक पारित ही नहीं करवाना चाहती है.
विधेयक का समर्थन कर रहे वाम दलों ने भी सरकार के रवैए की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार के पास संख्या बल है लेकिन उनके पास विधेयक पारित करवाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है.
सोमवार को राज्यसभा में महिला विधेयक पेश किया गया था लेकिन इस पर मतदान होने से पहले ही इसके विरोधियों ने काफ़ी बवाल किया.
हालात यहां तक पहुंच गए कि कुछ सांसदों ने उपराष्ट्रपति के टेबल से विधेयक संबंधी कागज़ात छीन कर फेंक दिए.
महिला विधेयक को लेकर इस तरह का विरोध पहली बार नहीं हुआ है. पिछले 13 वर्षों में जब कभी संसद में यह विधेयक आया है तो इसके विरोधियों राजद, सपा और जद यू के सांसदों ने काफ़ी उग्र प्रदर्शन किया है और विधेयक की प्रतियां फाड़ी हैं.
सोमवार को विरोधी दलों के गर्म तेवर और विधेयक को लेकर क्षीण बहुमत के मद्देनज़र अभी साफ़ नहीं है कि इतने वर्षों के बाद भी महिला विधेयक संसद में पारित हो सकेगा या नहीं.
इन तीनों दलों का कहना है कि सरकार ने इतने महत्वपूर्ण विधेयक के लिए उनसे परामर्श नहीं किया है. इन दलों का कहना है कि वो इस मुद्दे पर आम सहमति चाहते हैं.


सपा के साथ किसी कीमत पर नहीं दिखना चाहती बसपा

Mar 08, 10:29 pm

नई दिल्ली [राजकेश्वर सिंह],
उत्तर प्रदेश में अपनी खोई राजनीतिक जमीन फिर से वापस पाने की कोशिश में जुटी समाजवादी पार्टी चाहे कितना भी बड़ा मुद्दा उठा ले, लेकिन बसपा किसी भी कीमत पर उसके साथ नहीं दिखना चाहती। यही वजह है कि महिला आरक्षण विधेयक पर विरोधी रुख के बावजूद राज्यसभा में वह सपा के साथ नहीं खड़ी हुई। इतना ही नहीं, लोकसभा में इस मसले पपर सपा के सुर में सुर मिलाने वाले बसपा सांसदों को पार्टी सुप्रीमो ने भविष्य के लिए सख्त हिदायत भी दी है।
सूत्रों के मुताबिक संसद और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए प्रस्तावित 33 प्रतिशत आरक्षण के मौजूदा स्वरूप के खिलाफ होते हुए भी सोमवार को राज्यसभा में उसके सदस्य महज इसलिए अपनी सीट से आगे नहीं बढ़े, क्योंकि उन्हें किसी भी कीमत पर सपा के साथ खड़े न दिखने की हिदायत थी। सपा सदस्य अपनी सीटें छोड़ कर कई बार सभापति के आसन तक जाकर विरोध जताते और हंगामा करते रहे। पर बसपा के सदस्यों ने ऐसा करने से परहेज किया। वैसे, लोकसभा में बसपा के कुछ सांसद सपा और राजद सांसदों के साथ अध्यक्ष की पीठ तक जरूर गए। पर बताते हैं कि लोकसभा में सपा के साथ खड़े दिखे बसपा सांसदों से पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सख्त नाराजगी जताई है और भविष्य में ऐसा कतई न हो, यह हिदायत भी दी है।
सूत्रों का कहना है लोकसभा में पार्टी के जो सदस्य अध्यक्ष के आसन तक गए, उन्हें बसपा सुप्रीमो के निर्देशों की जानकारी नहीं थी। सूत्र यह भी बताते हैं कि महिला आरक्षण पर बसपा केंद्र सरकार का विरोध भले ही कर रही है, लेकिन सदन में मतदान की नौबत आई तो उसका फैसला सरकार की मुसीबत बढ़ाने वाला नहीं होगा। बहुत हद तक संभव है कि उस स्थिति में भी वह सपा के साथ खड़ी होने के बजाय सदन से बहिर्गमन कर जाए। वैसे, आरक्षण मुद्दे पर प्रधानमंत्री से वार्ता के बाद बसपा नेता [राज्यसभा सदस्य] सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि पार्टी मंगलवार को भी विरोध के अपने इसी रुख पर कायम रहेगी।

महिला विधेयक पर राष्ट्रपति से मिले लालू

Mar 08, 10:32 pm

नई दिल्ली। सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने आज महिला आरक्षण विधेयक पर राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से मुलाकात कर अपने पार्टी के रूख की जानकारी दी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के साथ विधेयक का मुखर विरोध कर रहे लालू ने पाटिल को बताया कि उनकी पार्टी महिला आरक्षण के विरोध में नही है लेकिन पार्टी चाहती है कि यह समाज के जरूरतमंद महिलाओं को ही मिले।
राष्ट्रपति पाटिल से मिलने लालू के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद प्रेमचंद गुप्ता भी गए। पार्टी के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश नारायण ने कहा कि प्रसाद और पाटिल के बीच मुलाकात का समर्थन वापसी से कोई लेनादेना नही है।

मुलायम के खिलाफ बेलन लेकर खड़ी होंगी महिलाएं

Mar 09, 02:31 am

रामपुर। सपा में राष्ट्रीय महासचिव रहे राज्यसभा सदस्य अमर सिंह आज फिर मुलायम सिंह यादव और उनके परिवार पर फिर जमकर बरसे। कहा कि महिला आरक्षण बिल का विरोध कर मुलायम मुलायम अनावश्यक रूप से देश की महिलाओं को दुश्मन बना रहे हैं। महिलाएं शीघ्र ही सपा सुप्रीमो के विरोध में चकला-बेलन लेकर खड़ी हो जाएंगी।
सोमवार को अमर सिंह पन्द्रह दिन के भीतर दूसरी बार रामपुर पहुंचे। यहां कृष्णा विहार में आयोजित जनसभा में फिर उनके निशाने पर मुलायम और उनका परिवार ही रहा। जनसभा के बाद पूर्व मंत्री शिव बहादुर सक्सेना के आवास पर प्रेस वार्ता भी की। कहा कि राममनोहर लोहिया ने कभी पद का लालच नहीं किया लेकिन लोहिया को आदर्श मानने वाले मुलायम सिंह पार्टी में तमाम जिम्मेदार पदों पर अपने परिवार के लोगों को बैठाए हैं। खुद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं तो बेटा प्रदेश अध्यक्ष, एक भाई नेता विरोधी दल है तो दूसरा राष्ट्रीय महासचिव। कहा कि यदि मुलायम सिंह लोहियावादी हैं तो पार्टी का अध्यक्ष पद छोड़ दें। किसी दूसरी जाति के व्यक्ति को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए। आरोप मढ़ा कि मुलायम ने प्रदेश के यादवों का नहीं, सिर्फ अपने इलाके के यादवों का भला किया, पुलिस में भर्ती हो या पार्टी में जिम्मेदारी, सब सैफई और आसपास के यादवों के हिस्से में है। मुलायम को सैफई ही यूपी लगती है। अमर ने कहा कि महिला आरक्षण बिल पर मुलायम सिंह और लालू यादव अलग-थलग पड़ गए हैं। अधिकतर पार्टी और नेता इसके पक्ष में हैं। ये लोग बिल को रोक भी नहीं सकते, क्योंकि उनके साथ कोई है नहीं। मुलायम अनावश्यक रूप से देश की महिलाओं को दुश्मन बना रहे हैं। महिलाएं मुलायम के विरोध में चकला बेलन लेकर खड़ी हो जायेंगी।
सपा की नीति का विरोध जताते हुए कहा कि अंग्रेजी का विरोध करते हैं, जबकि मुलायम सिंह के बच्चे प्रतीक और तेजू आज भी आस्ट्रेलिया में पढ़ रहे हैं। हम चाहते हैं कि गांव के बच्चे बड़े शहरों के बच्चों का मुकाबला करें और आगे बढ़ें। देश भर में एक जैसी शिक्षा होना चाहिए।
बोले, कल्याण को मुलायम पार्टी में खुद लाए थे, जबकि ठीकरा उनके सिर फोड़ा जा रहा है। मुलायम कहते हैं कि पीछे मुड़कर नहीं देखते है यह तो मेला है, लेकिन अमर सिंह मेला है या झमेला है यह बताकर रहूंगा। दो माह से मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है, लेकिन मैं हिम्मत हारने वाला नहीं, इलाज कराता रहूंगा और मुलायम की पोल खोलता रहूंगा। सपा के प्रवक्ता मेरी बराबरी मधु कोड़ा से कर रहे हैं, जबकि जिन विभागों में घोटाले की बात कर रहे वह मुलायम सिंह के ही पास थे। पार्टी प्रवक्ता ही मुलायम के लिए जेल भेजने का इंतजाम कर रहे हैं। यदि इस तरह का बयान फिर दिया तो सीधे सुप्रीम कोर्ट में ले जाऊंगा। मार्च में हर रोज दौरा करूंगा।

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