29 जुल॰ 2010


राम स्वरुप वर्मा और पिछड़ा एवं दलित आन्दोलन की दशा और दिशा.


डॉ.लाल रत्नाकर
'अर्जक संघ' मानवीयतावादी संगठन का निर्माण कर जिस आन्दोलन को राम स्वरुप वर्मा (जन्म - २२ अगस्त १९२३ मृत्यु १९  अगस्त १९९८ ) ने ०१ जून १९६८ में प्रारंभ किया वह आज वह उत्तर प्रदेश में दम तोड़ रहा है, यद्यपि सामाजिक चेतना का सूत्रपात करने का जो वीडा उन्होंने उठाया उसका प्रभाव ही था की पिछड़े और दलितों की पार्टियों ने उत्तर प्रदेश के ब्राह्मण सामराज्य को तहस नहश किया, जो साठ के दसक से ही शुरू हो गया इसके प्रथम चरण में चौधरी चारण सिंह ने किसानों की आवाज़ बुलंद की और कांग्रेस छोड़ कर इस सामाजिक आन्दोलन के पक्षधर बने जो १८६७ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुए और राम स्वरूप वर्मा उनके मंत्रीमंडल में राजस्व मंत्री बनाये गए.   


Ramswaroop Verma (1923-1998) was born August 22, 1923 in Uttar PradeshIndia. He was the founder of Arjak Sangh, a humanist organisation. The organization emphasizes social equality and is strongly opposed to Brahminism. Verma denied the existence of god and soul. He was strongly opposed to the doctrine of karma and fatalism. Verma campaigned tirelessly against Brahminism and untouchability.

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