11 अग॰ 2010

मा लो सो हे होंगे !
डॉ.लाल रत्नाकर 
आज मै दिन में थोड़ी देर सो लिया हूँ .शायद यही कारण है कि नीद नहीं आ रही है, या एक और कारण हो सकता है आज हमने अपनी एक पेंटिंग समय से पूरी कर ली है .
इन दो कारणों में से एक कारण, और दिन में सो जाना या तस्वीर का पूरा हो जाना जो भी हो , पर यह समझ नहीं आ रहा है की नीद न आने के क्या क्या कारण हो सकते है, 
कभी जब मुझे ड्राईविंग करते नीद नहीं आती थी वह दिन और अब स्टेरिंग पर आते ही नीद का आना , समझ नहीं आ रहा यह सब क्यों हो रहा है.
एक बात और यह भी समझ में अक्सर नहीं आता इस देश का राजनेता जो होता तो 'दरिद्र' है पर सत्ता में आते ही मालामाल हो जाता है यह कैसे होता है एसी कौन सी राजनीति है जो वह करता है और हो जाता है माला मॉल .
एक बात और आज दिन में एक बहुत ही समझदार डॉ. साहब कह रहे थे 'उसको' तो कुछ नहीं आता पर उसने एम.ए. का पाठ्यक्रम बनाया है जिसे 'University' ने  सेमेस्टर  सिस्टम  के लिए बनवाया है .
एक बात और जब मै दिन में कालेज में था तो एक साहब 'जमीदारों की' आवाज में एक चपरासी को हांक लगा रहे थे, उसी तरह की बर्गलस 'उसके बनाये पाठ्यक्रम पर कर रहे थे' पांडे जी बता रहे थे की 'वह' आजकल अपने महाविद्यालय में प्रिंसिपल है और हमने तो 'आरोरा को सौप दिया है'.
महत्त्व की बात यहाँ यह है की सब अपनी जगह ठीक है तो 'गड़बड़' कहाँ है ?
इससे भी महत्व की बात है यह खबर-

"गाजियाबाद, वरिष्ठ संवाददाता : महानगर के डिग्री कॉलेजों में आज से कैंपस की मस्ती छाएगी। विभिन्न कॉलेजों ने माहौल को खुशनुमा के साथ ही अनुशासित बनाने के लिए कमर कस ली है। सभी कॉलेजों ने जहां परिसर में मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगा दिया है वहीं कोई ड्रेस कोड लागू न करते हुए यह जरूर कहा है कि आधुनिक बनें लेकिन मर्यादा के साथ।
महानगर के प्रमुख कॉलेज एमएमएच कॉलेज के चीफ प्रॉक्टर डा.केशव कुमार ने बताया कि सबसे पहले तो मोबाइल फोन पर प्रतिबंध लगाया गया है। यदि कॉलेज में कोई छात्र मोबाइल का इस्तेमाल करता पाया गया तो उसका मोबाइल जब्त कर लिया जाएगा। उसके अलावा रैगिंग करने वालों पर भी प्रॉक्टोरियल बोर्ड कड़ी निगाह रखेगा और ऐसे लोगों को सीधे थाने पहुंचाया जाएगा।
उसके साथ ही उन्होंने कॉलेज में शोभनीय ड्रेस पहनने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि लड़कियां सलवार सूट के साथ जींस या ट्राउजर पहन सकती है लेकिन घुटने तक लंबाई वाली ड्रेस या ज्यादा फैशनेबल टॉप कालेज में नहीं पहने जाएंगे।
उधर, शंभू दयाल कॉलेज ने भी कालेज परिसर में मोबाइल फोन प्रतिबंधित किए हैं। एलआर कॉलेज व राजकीय डिग्री कॉलेज भी इसी राह पर हैं और कॉलेज में मोबाइल फोन पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है।

राजकीय डिग्री कॉलेज की प्राचार्य डा.पूनम सिंह रैगिंग को रोकने के लिए कॉलेज में एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित करने वाली हैं। उनका कहना है कि इसी सप्ताह होने वाले इस कार्यक्रम में जूनियर व सीनियर छात्रों के बीच परिचय कराया जाएगा। " 
पर इस कालेज का प्रिंसिपल कुछ नहीं कहता 'हमेशा चीफ प्रॉक्टर डा.केशव कुमार ने बताया यह बात वह बात. 
पर जब मै कालेज पहुंचा तो बच्चे-बच्चियां (जिनके पास न तो किताबें थी न कोई बैग हाथ में केवल मोबाईल) लहरा लहरा के चल रहे थे गेट पर चौधरी और त्यागी खड़े थे पर न कहीं वह खबर दाता थे और न ही उसके गोल के लोग.
जब मै क्लास ले रहा था तब नीचे से 'किसी के मुर्दाबाद की आवाज़ गूंज रही थी' और देर तक गूंज रही थी, लगातार . पर न उन्हें कोई रोकने वाला था और न वह मान रहे थे.
"

छात्रों ने फूंका वीसी का पुतला-
Story Update : Wednesday, August 11, 2010    12:49 AM
गाजियाबाद। यूनिवर्सिटी से एमएमएच कॉलेज में सीट नहीं बढ़ाए जाने पर मंगलवार को छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित छात्रों ने पहले तो चीफ प्रॉक्टर का घेराव किया। वहां से संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर छात्रों ने बाहर आकर कॉलेज के प्रांगण में कुलपति का पुतला फूंका।
एमएमएच कॉलेज में बीकॉम की सीट नहीं बढ़ाए जाने से बड़ी संख्या में छात्र नाराज हैं। मंगलवार को इसी मुद्दे पर पहले तो छात्रों ने चीफ प्रॉक्टर से बात करनी चाही, लेकिन वहां बात नहीं बनी। इससे छात्र आक्रोशित हो उठे और समाजवादी छात्र सभा के जिलाध्यक्ष रोहित यादव के नेतृत्व में चीफ प्रॉक्टर का घेराव कर दिया। छात्र सचिन जाटव ने बताया कि इस बार इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम काफी अच्छा रहा है जिसके चलते हर हाल में सीट बढ़ाई जानी चाहिए थी। रविंद्र, नीरज, योगेंद्र, बबलू, राहुल, मोनू, श्याम, राकेश, यशपाल, अंशुल, सिम्मी रहे।
अंतिम मौका आजः मोदीनगर। गिन्नी देवी महिला कॉलेज में बढ़ाई गई १६० सीटों पर प्रवेश को वरीयता सूची जारी होने के बाद मंगलवार तक ११० छात्राओं ने बीए में एडमिशन कराया। ४० सीटें शेष हैं। बुधवार दाखिला का अंतिम दिन है।
दाखिले को आपाधापीः हापुड़। एसएसवी (पीजी) कालेज में बढ़ी हुई सीटों पर प्रवेश की अंतिम तिथि होने के चलते छात्रों में आपाधापी रही परंतु अभी भी सैकड़ों छात्र बीकाम में प्रवेश मिलने से वंचित रह गए हैं।
"

क्या नीद इसलिए भी नहीं आ रही है की कल भी किसी अखबार में यह खबर होगी की चीफ प्रॉक्टर डा.केशव कुमार ने बताया 'बताया की कालेज में एक भी बच्चा  मोबाईल लेकर अंदर नहीं आया और शांति पूर्वक सभी कक्षाएं लगीं . प्राचार्य जी कहाँ थे यह नहीं बताएँगे ?
जब की पांडेजी बाटनी के एम् एस सी के बच्चों को देर तक पढाये और ड्राइंग वाले पांडे करीब ११.३० पर आये और दफ्तर में बैठकर ऊपर वाली बात सुनाते रहे की 'हमने प्रिंसपली को लात मार दिया है.'
नीद तो अब भी नहीं आ रही है क्योंकि अब बिजली चली गयी है और लैपटॉप का बैकप लगभग समाप्ति पर है , पर एक बात तो है 'ये सारे पता नहीं खुश है या खुश रहने का नाटक करते है'
क्योंकि इनका 'आका अक्सर बीमार रहता है'.
(आज कि खबर दैनिक जागरण और अमर उजाला से साभार )


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