5 जून 2011

बाबा रामदेव और सरकार
संविधान और लोक तंत्र  के असली रूप को बाबा ने भी देख ही लिया 'बाबा आप से कहीं चुक हुयी आप के इतने लम्बे आन्दोलन का यही हश्र सरकार को करना था |
डॉ.लाल रत्नाकर 
१-जिस दौलत को आप वापस लेन की बात कर रहे हो वह किसी और की नहीं सरकार में जमें नेताओं की और उनके आस पास जमें व्युरोक्रेटों की है.
२-आप सामान्यजन के प्रतिनिधि के रूप में जनता में यह विश्वास जगाने में कामयाब हो रहे थे की आप इस देश में जन विश्वास का राज्य कायम करने में सहयोग कर सकते हो.
३-महाभ्रष्ट कांग्रेसी आप को समझने की लिए चक्कर काट रहे थे न की आप से समझौते के लिए, बाबा का असली रूप जानने के लिए.
४-इन पर आप को भरोसा नहीं करना चाहिए था आन्दोलन को आन्दोलन की शक्ल में रखना चाहिए था.
५-बाबा आप के जोश से आप के साथिओं के होश भी उड़े थे कहीं बाबा और बड़ा न हो जाये और सारा यश ले जाये.
६-स्वामी जी आप के मंच पर इसलिए नहीं आये जबकि की अन्ना हजारे के जंतर मंतर वाले सरे आन्दोलन में RSS वाले भरे पड़े थे.
७-अब इस देश की पुलिस बगावत नहीं कर सकती, वह दिल्ली में रोज़ लूटती है, जनता को बड़े करीने से, इसी की देख रेख में इंदिरा जी को गोली मारी गयी थीं .
आखिर बाबा आप को मिडिया ने हरा दिया आप सरकार से नहीं हरे हो 'योगेन्द्र यादव के मिडिया के बारे में दिए विचारों की फौज' से हारे हो.
अमर उजाला से साभार निचे-
बाबा को गिरफ्तार कर अज्ञात जगह भेजा गया
नई दिल्ली।
Story Update : Sunday, June 05, 2011    1:14 AM
रामलीला मैदान शनिवार देर रात लगभग डेढ़ बजे पुलिस और योग गुरू बाबा रामदेव के समर्थकों के बीच टकराव का अखाड़ा बन गया। अचानक भारी संख्या में पहुंचे पुलिस बल ने मैदान घेर लिया और पुलिसकर्मी पंडाल के अंदर घुस गए।

पुलिस की बाबा के समर्थकों से झड़प हुई। देर रात पुलिस ने बाबा के समर्थकों को तितर बितर करने के लिए उन पर हल्का लाठीचार्ज किया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। इससे मंच पर आग लग गई। बाबा को हिरासत में ले लिया गया और उन्हें गाजियाबाद की तरफ ले जाया जा रहा था। इसके बाद रामलीला मैदान भी खाली होने लगा था। इस बीच, बाबा को हैदराबाद ले जाने के लिए बीएसएफ का एक विमान भी तैयार करने की खबरें भी आ रही थीं।

इससे पहले पुलिस ने रामलीला मैदान में योग कैंप की इजाजत रद्द कर दी। पुलिस के पंडाल में घुसने के बाद बाबा रामदेव को उनके समर्थकों ने कंधे पर उठा लिया। बाबा ने कहा कि पुलिस उन्हें मंच के पीछे से उठाकर ले जाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि सरकार मेरे साथ जबरदस्ती नहीं करे। रामदेव के समर्थकों ने भी पुलिस को धमकी दी कि अगर बाबा को छूने की भी कोशिश की गई तो अंजाम बुरा होगा। उस समय लगभग 25 हजार लोग बाबा के समर्थन में रामलीला मैदान पर थे। महिला समर्थक भी बाबा को घेरे हुए थीं, ताकि पुलिस उन तक नहीं पहुंच सके। देर रात बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपील करते हुए कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है। मुझे रात में डेढ़ बजे चोरों की तरह क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है, पुलिस मुझे दिन में वारंट देकर गिरफ्तार करती।

देर रात रामलीला मैदान में दिल्ली के ज्वांइट पुलिस कमिश्नर भी पहुंच गए थे। दिल्ली पुलिस के 5000 पुलिसकर्मी वहां मौजूद थे। पुलिस ने बाबा का माइक उखाड़ फेंका। खबर है कि अफरा तफरी के बीच बाबा के पीए अजय आर्या मंच से गिर गए और उनका पैर टूट गया।
रामलीला मैदान में धारा 144 लागू कर दी गई और बाबा को दिल्ली से बाहर जाने का आदेश दिया गया है। उधर बाबा का कहना है कि मैं गिरफ्तारी के लिए तैयार हूं। देर रात आईटीओ से रामलीला मैदान तक बैरीकेडिंग कर दी गई और कड़ी जांच के बाद ही लोगों को गुजरने दिया जा रहा था।

इससे पहले बाबा रामदेव और सरकार में कालेधन के खिलाफ लड़ाई में बनी सहमति अब दोनों के बीच वादाखिलाफी की सीधी जंग में तब्दील हो गई है। दो दिन में अनशन खत्म करने की हामी भरने की बाबा की ओर से लिखी गई चिट्ठी का खुलासा कर सरकार ने शनिवार को रामदेव के अनशन सत्याग्रह पर सीधा वार कर दिया।

वहीं, बाबा ने सरकार पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए साफ कहा कि वार्ताकार मंत्रियों कपिल सिब्बल और सुबोधकांत सहाय ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनकी मांग लिखित में दिखाने के बहाने छल कर उनसे यह चिट्ठी लिखवाई। बाबा ने सिब्बल पर निशाना साधते हुए कहा कि वाकई राजनीतिज्ञ ने अपना रंग दिखा दिया है और वह अब सिब्बल के साथ कोई वार्ता नहीं करेंगे।

अनशन को विवादास्पद बना दिया
शनिवार शाम एक पत्रकार वार्ता में मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बाबा के सबसे निकटस्थ शिष्य आचार्य बालकृष्ण की ओर से सरकार को लिखित में दिए गए इस राजीनामे की कॉपी मीडिया को जारी कर रामदेव के अनशन को विवादास्पद बना दिया।

चिट्ठी में बाबा की ओर से सरकार के साथ कुछ एक को छोड़ तमाम मुद्दों पर सहमति बन जाने की बात कही गई है। साथ ही कहा गया है कि सरकार के लिखित आश्वासन देने पर राजी होने के मद्देनजर अब बाबा अनशन नहीं बल्कि 4 से 6 जून तक रामलीला मैदान में तप करेंगे।

इसमें यह भी कहा गया है कि सरकार के साथ सहमति की घोषणा खुद बाबा शनिवार दोपहर तक कर देंगे। सिब्बल ने कहा कि बाबा ने जब लिखित वादे के अनुसार दोपहर को इसकी घोषणा नहीं कि तो कई बार उन्हें फोन किया गया और फिर अंततः सरकार ने प्रेस कांफ्रेंस कर खुद इसका ऐलान करने की बात बाबा को बता दी।

सिब्बल ने बाबा को चेतावनी दी
सिब्बल और सहाय की प्रेस कांफ्रेंस शुरू होने से ठीक पहले बाबा से बात हुई। इसके बाद उधर रामलीला मैदान में बाबा के सरकार की सभी मांगें मान लेने की घोषणा पर जश्न शुरू ही हुआ था कि इधर सिब्बल ने उनकी चिट्ठी का खुलासा कर चंद मिनटों के अंदर ही इस पर पानी फेर दिया।

इतना ही नहीं सरकार के तल्ख तेवरों को जाहिर करते हुए सिब्बल ने बाबा को चेतावनी के अंदाज में कहा कि वार्ता करने को सरकार का डर मानने की गुस्ताखी किसी को नहीं करनी चाहिए क्योंकि जरूरत पड़ी तो सरकार कठोर तेवर भी दिखा सकती है। उनका कहना था कि सरकार सभी वर्गों तक पहुंचना चाहती है इसलिए सरकार के तमाम मंत्री बाबा के पास गए।

कैलेरिजेज होटल में यह चिट्ठी लिखवाई
इस चिट्ठी का खुलासा होते ही बाबा सरकार के साथ हुई डील को छुपाने के सवालों से घिर गए। सरकार के इस वार से आहत रामदेव ने कहा कि उन्हें पता नहीं था कि वाकई राजनीति में इतनी कुटिलता होती है। मंत्रियों ने दबाव डालकर प्रधानमंत्री को देने के नाम पर शुक्रवार को कैलेरिजेज होटल में यह चिट्ठी लिखवाई थी।

इतना ही नहीं बाबा खुद हस्ताक्षर करें इसका भी दबाव डाला मगर वे राजी नहीं हुए और अपने महामंत्री से हस्ताक्षर करवाए। अनशन नहीं करने के लिए मान जाने की सरकार की घेरेबंदी में आए आहत बाबा ने इसके बाद सिब्बल और सरकार पर धोखा करने का आरोप जड़ दिया। साथ ही यह भी ऐलान कर दिया कि अब वे फोन पर कोई वार्ता नहीं करेंगे और न ही सिब्बल से जिंदगी में कोई बातचीत होगी।

बाबा ने प्रधानमंत्री से सिब्बल को सुलह वार्ता की टीम से निकालने की मांग करते हुए उम्मीद जताई कि दुबारा इस तरह का छल उनके साथ न किया जाए। उन्होंने कहा कि वह अब सिर्फ प्रधानमंत्री की ही बातें सुनेंगे। बहरहाल बाबा ने चाहे सरकार के वार पर तुरंत पलटवार कर दिया हो मगर कालेधन के खिलाफ उनके अनशन सत्याग्रह की गेंद को केंद्र ने अब बाबा के पाले में ही डाल दिया है। केंद्र के इसी दांव का नतीजा रहा कि देर रात तक बाबा रामलीला मैदान में लगातार अपने समर्थकों को सफाई देने के अंदाज में थे।
दैनिक जागरण से साभार-

बाबा रामदेव गिरफ्तार!

Jun 05, 03:28 am
नई दिल्ली। दिन भर चले हाई ड्रामे के बाद शनिवार देर रात दिल्ली पुलिस ने रामलीला मैदान से योग गुरू बाबा रामदेव को हिरासत में ले लिया। बाबा समर्थकों का कहना था कि पुलिस ने बाबा को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी से इंकार किया है। बताया जा रहा है कि पुलिस उन्हें दिल्ली से बाहर ले जाकर छोड़ने की तैयारी में है।
इससे पहले, देर रात अचानक रामलीला मैदान में पुलिस का जमावड़ा बढ़ने लगा। पुलिस देख बाबा रामदेव मंच से उतरकर अपने समर्थकों के बीच आ गए और एक समर्थक के कंधे पर बैठकर लोगों को संबोधित करने लगे।
पुलिस को बाबा की तरफ बढ़ते देख समर्थक बाबा को घेरकर खड़े हो गए, जिससे समर्थकों व पुलिस के बीच झड़प होने लगी। थोड़ी ही देर बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़ने शुरू कर दिए, जिससे मैदान में मौजूद लोगों के बीच भगदड़ मच गई और देखते ही देखते मैदान लगभग खाली हो गया।
इस दौरान रामलीला मैदान में योग शिविर में आंसूगैस के गोलों से मंच में आग लग गई। फायरब्रिगेड की कई गाडि़यों ने आग पर काबू पा लिया। अफरा-तफरी के माहौल में बाबा समर्थक शिविर छोड़कर भाग गए। इसी अफरा-तफरी में बाबा रामदेव को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इससे पहले, प्रशासन ने रामलीला मैदान में तत्काल प्रभाव से निषेधाज्ञा लागू कर दी। इसी के साथ योग शिविर की इजाजत को भी प्रशासन ने रद कर दिया।
मध्य रात्रि के बाद पुलिस की यह कार्रवाई केंद्र सरकार का वह पत्र पहुंचने के बाद हुई जिसमें बाबा को उनकी मांगोंके संबंध में लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी गई थी।
उल्लेखनीय है कि बाबा शनिवार सुबह से विदेशों में जमा काले धन को वापस लाए जाने और भ्रष्टाचार को खत्म करने संबंधी अपनी मांगों के समर्थन में आमरण अनशन पर बैठ गए थे। उनके साथ रामलीला मैदान में हजारों समर्थक भी आंदोलन पर थे।
देर रात करीब एक बजकर 10 मिनट पर जैसे ही यह खबर आई कि योग गुरू को गिरफ्तार किया जा सकता है, अनशन स्थल पर अफरातफरी की स्थिति मच गई।
पुलिस बल के पहुंचने के तुरंत बाद बाबा रामदेव के समर्थकों ने गिरफ्तारी रोकने के लिए मानव श्रृंखला बना ली। पुलिस को मंच के समीप आते देखा गया जहा रामदेव अपने समर्थकों के बीच घिरे थे।
अनशन स्थल पर एक पुलिस वाहन को जाते हुए देखा गया। चारों तरफ अफरा तफरी का माहौल था। रैपिड एक्शन फोर्स के कर्मी बाबा के समर्थकों को बाहर ले जाते हुए देखे गए।
बैनर फाड़ दिए गए और चारों तरफ फर्नीचर और गद्दे बिखरे पड़े थे। मंच के कुछ हिस्सों में आग लग गई।
पूरे इलाके में आसू गैस के गोले भर जाने के बाद पुलिस मंच और उसके आस पास से लोगों को खाली कराते हुए देखी गई।
पुलिस ने बताया कि इलाके में धारा 144 लगा दी गई है जिसके तहत लोगों के एकत्र होने पर पाबंदी है। पुलिस ने बताया कि योग शिविर आयोजित करने की अनुमति भी रद्द कर दी गई है। रामलीला मैदान बाबा रामदेव द्वारा एक महीने के लिए बुक कराया था और यह मैदान उनके सत्याग्रह आदोलन का स्थल भी बन गया।
अनशन स्थल से बड़ी संख्या में लोग जा रहे थे। कुछ लोग पुलिसकर्मियों से यह बहस करते देखे गए कि जब वे शातिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं तो उन्होंने ऐसी कार्रवाई क्यों की।
भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के प्रमुख जयदीप आर्य ने दावा किया कि बाबा रामदेव को गिरफ्तार कर लिया गया है लेकिन दिल्ली पुलिस ने इस बात की पुष्टि करने से इंकार कर दिया है। सादे कपड़े में पुलिसकर्मियों ने मीडियाकर्मियों को भी निशाना बनाया।
दिल्ली पुलिस के आयुक्त बी के गुप्ता ने इस बात से इनकार किया कि बाबा रामदेव को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने अनशन स्थल पर संवाददाताओं से कहा कि कुछ सुरक्षा चिंताएं हैं। हमने विरोध प्रदर्शन के लिए अनुमति रद्द कर दी।
उन्होंने बताया कि रामदेव समर्थक पथराव करने लगे। पुलिस ने आसूगैस के इस्तेमाल के अलावा बल का प्रयोग नहीं किया। जब उनसे पूछा गया कि क्या रामदेव गिरफ्तार किए गए, उन्होने कहा कि उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया।

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