17 मार्च 2013

प्रदेश सरकार की नाकामी -उत्तर प्रदेश में उम्मीद की लहर - अब नहीं रही

उत्तर प्रदेश में उम्मीद की लहर-अब नहीं रही 

डॉ लाल  रत्नाकर




हाल 

ही में 

कई घटनाएँ उत्तर प्रदेश में घटी हैं जिनसे उत्तर प्रदेश की छवि को आंच लगी है और प्रदेश सरकार की नाकामी ही उजागर हुयी है . वैसे तो असुरक्षा का माहौल पूरी दुनिया में छाया हुआ है पर भारत के जिन प्रदेशों में ऐसे हालत हैं उनमें उत्तर प्रदेश भी सुमार है आज से नहीं बहुत पहले से. 
पिछले चुनाओं में इसी हालत से तंग आकर उत्तर प्रदेश की अवाम ने सर्कार बदली पर उसे पहली निराशा तब हुयी जब अपराधी सरीखा 'राजा' राजा भैया को मंत्री बनाया गया। मंत्री बनाने पर ऐसे युवाओं के हौसले और बढे और तमाम युवा इस अभियान में लग गए। आज वे नेता बने घूम रहे हैं और सरकार की छवि बने हुए हैं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की सोच और समझ का प्रतिनिधित्व कर रहा यह युवा उस युवा से बिलकुल अलग है जिसने रोज़गार के लिए कमर तोड़ मेहनत किया हुआ है, यह बिगड़े हुए युवा या तो राजा भैया बनना चाहते हैं या उनके 'चमचों' जैसे पर इसमे से एक भी ऐसा नहीं है जो प्रदेश का भावी मुख्यमंत्री बनना चाहता हो. 
यही विडम्बना देश के सम्मुख है - दोनों स्थितियों का ठीक से आकलन किया जाय तो पता चलेगा की हालात एक जैसे हैं। कारण कुछ भी हो 'राजनितिक बैशाखी' लिए युवा चहरे क्या सचमुच देश और प्रदेश का भला कर पायेंगे यह कहना अब बहुत ही मुश्किल लग रहा है।
जिन हालातों के चलते बेरोजगारी, भुखमरी, अराजकता बढ़ी है उनमें अभी कोई बदलाव के हालात नज़र नहीं आ रहे हैं, पर ये आयें भी कैसे - इस पर सरकारी अमला निकम्मी राजनेताओं की फौज कुछ भी न बदलने देने के लिए जी तोड़ मेहनत रात दिन की मारा मारी जो कुछ कर सकते हैं कर रहे हैं प्रदेश के नाश के लिए।
यह तो एक नमूना है उत्तर प्रदेश के हालात का  -                                                                                                                        

डीएसपी जि‍याउल हक की लोडेड पिस्टल मिली, पवन और सुधीर ने पीटा था डीएसपी को




Agency/dainikbhaskar.com | Mar 16, 2013, 18:56PM IST


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प्रतापगढ़. कुंडा के बलीपुर में दो मार्च को हुए ति‍हरे हत्‍याकांड की परतें खुलने लगी हैं। एक ओर जहां पुलिस ने शनिवार को सीओ जिया उल हक की लोडेड पिस्टल बरामद कर ली है। वहीं मृतक प्रधान नन्‍हे यादव के भाई पवन और सुधीर ने सीबीआई के सामने स्‍वीकार कि‍या है कि उस दि‍न उन्‍होंने डीएसपी जि‍या उल हक की जमकर पि‍टाई की थी।

बलीपुर गांव के एक तालाब से पुलिस ने जिया उल हक की 9 एमएम की भरी हुई पिस्टल बरामद की है। इसी गांव में ही जिया उल हक की हत्या हुई थी। इस मामले की जांच सीबीआइ कर रही हैं। वहीं जिया उल हक की हत्या से पहले हुई मारपीट में प्रधान का पुत्र भी शामि‍ल था। हालांकि उन्‍होंने डीएसपी की हत्‍या करना स्‍वीकार नहीं कि‍या है। इससे पहले यह दोनों बार बार यह कह रहे थे कि‍ वह घटनास्‍थल पर मौजूद ही नहीं थे। पर बाकी के दो गवाहों के बयान के बाद उन्‍होंने डीएसपी की पि‍टाई करने की बात स्‍वीकार कर ली। 
पवन और सुधीर ने सीबीआई को बताया कि जब डीएसपी जि‍याउल हक मृतक प्रधान नन्‍हे यादव की लाश ले जाने के लि‍ए आए तो भीड़ ने इसका वि‍रोध कि‍या। कुछ ही देर में भीड़ उनपर हमलावर हो गई। इस बीच डीएसपी ने भीड़ के हमले से बचने के लि‍ए भागने की कोशि‍श की, लेकि‍न पवन, सुधीर और मृतक प्रधान नन्‍हे के पुत्र ने उन्‍हें दबोच लि‍या। दबोचने के दौरान डीएसपी फि‍सलकर जमीन पर गि‍र पड़े और भीड़ ने उन्‍हें बुरी तरह से पीटना शुरू कर दि‍या। 
वहीं सीबीआई ने कुंडा हत्‍याकांड में कोर्ट से नि‍लंबि‍त इंस्‍पेक्‍टर सर्वेश चंद्र मि‍श्र का नार्को टेस्‍ट कराने की अनुमति मांगी है। जि‍स वक्‍त यह हत्‍याकांड हुआ, उस वक्‍त कुंडा के प्रभारी नि‍रीक्षक सर्वेश सीओ जि‍या उल हक के साथ मौजूद भी। सीबीआई का मानना है कि अगर इंस्‍पेक्‍टर का नार्को टेस्‍ट होगा तो कई राज खुल सकते हैं। सीबीआई की अर्जी पर अब 22 मार्च को सुनवाई होगी। वहीं मामले में आरोपी संजय प्रकाश सिंह और राजीव प्रताप सिंह को शुक्रवार को दूसरे दिन भी केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की टीम घटनास्थल पर लेकर गई और उनसे पूछताछ की। 
दूसरी तरफ मुआवजे की रकम को लेकर शहीद डीएसपी के घर पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। डीएसपी की बेवा परवीन आजाद का कहना है कि जो रकम उनके नाम आई है, उनके पास है। इस मसले पर अभी परि‍वार के लोगों से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई है। इस मामले में शुक्रवार को शहीद डीएसपी के पि‍ता शमसुल हक ने कोई टि‍प्‍पणी करने से मना कर दि‍या। इससे पहले उन्‍होंने कहा था कि जो इमदाद आ रही है, वह परवीन और उनके परि‍वार में जा रही है। न वो उन्‍हें उसमें से कुछ दे रहे हैं और न ही कुछ बता रहे हैं। 
सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने ग्राम प्रधान नन्हें यादव की हत्या के बाद गांव में हुई हिंसा और आगजनी के मामले में बलीपुर के दस लोगों से पूछताछ की। सीबीआई के संयुक्त निदेशक आरएस भट्टी उप महानिरीक्षक अनुराग गर्ग के साथ जांच कर रहे हैं और कुंडा में दोनों आरोपियों से पूछताछ कर रहे हैं। सीबीआई ने दोनों आरोपियों को 13 से 18 मार्च की शाम तक रिमांड पर लिया है। उन्होंने बताया कि सीबीआई की एक टीम दिवंगत पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की सर्विस रिवॉल्वर और मोबाइल फोन की खोज कर रही है। सीबीआई ग्राम प्रधान की हत्या के आरोपी कामता पाल के घर में आग लगाने वाले का पता लगा रही है। 
सीबीआई इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रही है कि हिंसा में ग्राम प्रधान के भाई सुरेश यादव की पहले मौत हुई या जि‍या उल हक की। दोनों की मौत अभी रहस्य बनी हुई है। सीबीआई की टीम ने मौके से रक्तरंजित मिट्टी के नमूने और फोटोग्राफ भी लिए और उन्हें जांच के लिए भेज दिया है। सूत्रों ने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक की हत्या में नामजद पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की साजिश की भी जांच की जा रही है। राजा भैया गुरुवार शाम कुंडा स्थित अपने आवास पर आए थे। दो मार्च को बलीपुर के ग्राम प्रधान नन्हे यादव की जमीन संबंधी विवाद को लेकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंचे कुंडा के पुलिस उपाधीक्षक हक पर गुस्साए ग्रामीणों ने हमला कर दिया था। इस घटना में हक और ग्राम प्रधान के भाई सुरेश यादव की मौत हो गई थी।

रेप में नाकाम होने पर किया छात्रा का मर्डर, पुलिस खाली हाथ

dainikbhaskar.com  |  Mar 16, 2013, 20:44PM IST





रेप में नाकाम होने पर किया छात्रा का मर्डर, पुलिस खाली हाथ
आगरा. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कोलकाता में एक रैली में कहा है कि जल्द ही महिला सुरक्षा बिल पारित किया जाएगा लेकिन शनिवार का पूरा दिन महिलाओं के खिलाफ अपराधों के नाम रहा। मध्य प्रदेश में विदेशी सैलानी और एक महिला के साथ गैंगरेप हुआ तो आगरा के दयालबाग एजुकेशनल इंस्‍टीट्यूट (डीईआई) में छात्रा की निर्मम हत्‍या का मामला सामने आया। शुक्रवार रात मारी गई छात्रा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में रेप की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन छात्रा का कत्‍ल इतनी बेरहमी से हुआ था कि शैतान भी कांप जाए।
पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक रेप के निशान नहीं मिले हैं। लेकिन प्राइवेट पार्ट से छेड़छाड़ की गई थी। फॉरेंसिक जांच के लिए उसके वेजाइनल स्राव, नाखून, बाल और लार को प्रिजर्व किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक उसकी मौत काफी  खून बहने से हुई। छात्रा को क्‍लोरोफॉर्म सुंघाकर बेहोश किया गया था। इसके बाद दुपट्टे से उसके हाथ बांध दिए गए। जब वह होश में आई तो अपराधी ने सर्जिकल ब्‍लेड से गले पर वार किया। खून बहने लगा। जब वह चिल्‍लाई तो दुपट्टे से मुंह भी बांध दिया। इसके बाद ब्‍लेड से उसके कपड़े फाड़ दिए। हत्यारे ने अगला वार पेट पर किया। अपराधी ने आंतें बाहर आने तक पेट पर सर्जिकल ब्‍लेड चलाया। हर बार डेढ इंच गहरा वार हुआ। छोटी और बड़ी आंतें बाहर आ गईं। इसके बाद अपराधी ने पैरों और जांघ पर ब्‍लेड चलाया। इससे छात्रा का पूरा बदन लहुलुहान हो गया।
इस जघन्‍य मामले के विरोध में आगरा सड़क पर आ गया। शनिवार को दिनभर हजारों युवा सड़क जाम और विरोध प्रदर्शन करते रहे। जब छात्र-छात्राओं ने न्‍याय मांगा तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर उसका जवाब दिया। देर शाम कैंडिल मार्च निकालकर प्रदर्शन खत्‍म किया गया। युवाओं ने कहा है कि वे रविवार को भी विरोध करेंगे। इधर, डॉक्‍टर का कहना है कि हत्‍यारा सर्जिकल ब्‍लेड का इस्‍तेमाल करना जानता था। आम तौर पर लोग ब्‍लेड या चाकू को तिरछा उपयोग करते हैं। लेकिन हमलावर ने सीधा वार किया। वह जानता था कि कितने वार से पेट की अंतडि़यां बाहर आ जाएंगी।
दिनभर आगरा में प्रतिरोध और हंगामे के बावजूद हत्‍यारे का रहस्‍य अब तक बना हुआ है। पुलिस शुक्रवार की शाम से सर्विलांस तकनीक से जांच कर रही थी। लेकिन जांच की यह दिशा बेकार साबित हुई। छात्रा ने सबसे ज्‍यादा कॉल अपने ब्वॉयफ्रेंड को किया था। मौत के कुछ घंटे देर पहले उसकी लंबी बात हुई थी। लेकिन ब्‍वायफ्रेंड का मोबाइल लोकेशन नोएडा पाया गया। उसका फिंगरप्रिंट भी घटनास्‍थल से मैच नहीं हुआ। दोनों की दो महीने बाद ही शादी होने वाली थी। इसके अलावा फोन से जितने लोगों की बातें हुई हैं उनमें से किसी का भी फिंगर प्रिंट मैच नहीं हो सका।
एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे के मुताबिक क्राइम ब्रांच का अस्‍थाई कार्यालय डीईआई परिसर में ही बनाया गया है। उन्‍होंने बताया कि इंस्‍टीट्यूट के 25 छात्रों और शिक्षकों के फिंगरप्रिंट लिए हैं। जरूरत पड़ी तो डीईआई के हर टीचर और छात्र के ऊंगलियों के निशान लिए जाएंगे। उन्‍हें पूरा विश्‍वास है कि हत्‍यारा छात्रा का जानने वाला था और अक्‍सर डीईआई लैब में आता था। अपराधी हत्‍या करने के बाद छात्रा के बैग को भी अपने साथ ले गया था। हत्‍या के बाद उसने इत्मीनान से इस बैग में छात्रा और उसकी टीचर का रिसर्च पेपर, रजिस्‍टर, प्रश्‍न पत्र और इसके उत्‍तर की कॉपी और लैपटॉप रखा था। बैग खेलगांव में दीवार के पार मिला है। जहां हत्‍यारे ने छात्रा की कार को लावारिस हालत में छोड़ा था।
इससे पहले दोपहर में न्यू आगरा थाने के पास हंगामे के बाद छात्रों ने जमा होकर थाने के सामने एमजी रोड पर जाम लगा दिया। करीब दो घंटे जाम के बाद शहर में ट्रैफिक के हालात खराब हो गए। पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज किया जिससे कई छात्रों को चोट आई। इसके बाद छात्रों के हंगामे से हालात पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गए। तब आगरा के एसएसपी एससी दुबे ने छात्रों को रात तक मामला हल करने का आश्‍वासन दिया। पहले तो स्टूडेंट वापस लौट गए लेकिन कुछ देर बाद फिर से वापस एमजी रोड पर आ गए और फिर से रोड जाम करने की कोशिश की। 
छात्रों का आरोप था कि ‘दामिनी’ के पोस्‍टमार्टम में जानबूझकर देरी की जा रही है। ताकि रेप का मामला टाला जा सके और देर होने पर आक्रोश कम होगा। एसएसपी से बात कर दोपहर करीब ढाई बजे सारे विद्यार्थी वापस लौट गए। छात्रों ने शाम को इस ‘दामिनी’ के लिए कैंडिल मार्च करने का फैसला किया है। शनिवार सुबह छात्रों का गुस्‍सा तब भड़क गया जब डीईआई प्रबंधन ने छात्रा के लिए शोकसभा नहीं रखी। यहां तक कि परीक्षाएं भी जारी रखी गई। छात्र-छात्राओं ने यहां भी हंगामा किया। तब प्रबंधन ने कह दिया कि परीक्षा न देने पर नंबर काट लिए जाएंगे। तब डीईआई में खूब प्रदर्शन हुआ। इसके बाद आक्रोशित छात्र थाना न्‍यू आगरा की ओर बढ़े थे।

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