26 मार्च 2014

खत्‍म हो चुकी होती सपा

'अमर सिंह रहते तो खत्‍म हो चुकी होती सपा'

'पार्टी कबकी खत्म हो चुकी होती'

'पार्टी कबकी खत्म हो चुकी होती'

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने अमर सिंह पर निशाना साधते हुए उनकी जमकर आलोचना की है।

बदायूं में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे रामगोपाल ने कहा कि अगर सपा में अमर सिंह होते, तो पार्टी कबकी खत्म हो चुकी होती।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल में अमर सिंह के जाने का मतलब है कि अब उनकी पार्टी जल्द ही खत्म होने के कगार पर खड़ी होगी।

गौरतलब है कि अमर सिंह बीते दिनों मुलायम सिंह की चरण वंदना करते रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि वह आजमगढ़ में मुलायम को जिताने के लिए प्रचार भी कर सकते हैं।

लेकिन, मुलायम ने तो दी थी इज्जत

पिछले दिनों मुलायम को अमर सिंह भी याद आए। उन्होंने बिना नाम लिए अपने भाषण में अमर सिंह का उल्लेख किया। आजम खां बार-बार मुलायम को याद दिलाने की कोशिश कर रहे थे कि उन्होंने अमर सिंह को पार्टी से बाहर निकाल दिया है।

पहले तो मुलायम ने अपने भाषण की शुरुआत में ही आठ साल पहले 2006 में श्रीनगर परियोजना के लिए एमओयू के मौके पर उद्योगपतियों के जमावड़े का उल्लेख करते हुए कहा कि उस समय के एक साथी आज पार्टी में नहीं हैं।

बाद में उन्होंने अमर सिंह की शख्सियत का जिक्र करते हुए कहा, ‘एक ही आदमी मुझे पहचान पाया था। वह अब पार्टी में नहीं हैं। बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने उनसे पूछा कि आप उनके साथ क्यों हो, उनमें क्या खूबी है? उन्होंने (अमर सिंह) कहा कि नेता जी बोलते नहीं है जानते सब हैं। जब बोलते हैं तो पूरा पन्ना पढ़ देते हैं।’

अमर सिंह ने किया था सम्मान का स्वागत

अमर सिंह ने मुलायम के इस बयान पर कहा था कि मुलायम सिंह यादव ने चुनावी मौसम में बिना किसी की परवाह किए जिस तरह से उन्हें याद करते हुए सार्वजनिक रूप से प्रशंसा की उससे सपा सुप्रीमो के प्रति उनका सम्मान और बढ़ गया है।

उनके इस बड़प्पन का जवाब छोटेपन से नहीं देना चाहिए। इसीलिए उन्होंने मुलायम को समर्थन देने का ऐलान किया है।

सियासत में बड़े लोगों के बीच प्रतिद्वंद्विता नहीं होती अमर सिंह का कहना है कि राजनीति में बड़े लोगों के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता नहीं होती।

बड़े लोग कभी बड़े लोगों के विरुद्ध नहीं उतरते। सोनिया व मुलायम कभी एक-दूसरे के विरुद्ध लड़ाई नहीं लड़ते हैं।

मुलायम का एक इशारा काफी होगा

चौ. अजित सिंह के साथ नई सियासी पारी शुरू करने वाले अमर सिंह ने कहा कि अगर मुलायम सिंह यादव इशारा कर देंगे या उनका चपरासी भी कह देगा तो वह आजमगढ़ में उनके पक्ष में प्रचार करेंगे।

बकौल अमर सिंह आजमगढ़ में जो भी विकास हुए हैं उसके सूत्रधार मुलायम सिंह ही रहे हैं। यह बात दीगर है कि बड़प्पन दिखाते हुए मुलायम ने इसका श्रेय उन्हें दिया है।

सच तो यह है कि वहां सड़क, अस्पताल, हवाई पट्टी से लेकर जो भी अन्य विकास कार्य हुए हैं वह मुलायम सिंह के सहयोग के बगैर संभव नहीं था।

फिलहाल आजमगढ़ में मुलायम को उनका प्रतीकात्मक समर्थन है लेकिन अगर वह चाहेंगे तो गृह जनपद होने के नाते वह आजमगढ़ जाकर भी उनके लिए वोट मांगने से पीछे नहीं हटेंगे।

'पर मुलायम को मेरे समर्थन की जरूरत नहीं'

फोन पर ‘अमर उजाला’ से बातचीत में अमर सिंह ने कहा कि गृह जनपद होने के नाते उन्होंने आजमगढ़ में मुलायम सिंह यादव के समर्थन में प्रचार करने की पेशकश की है।

राजनीति में न तो वह अपने इतिहास को झुठला सकते हैं और न ही मुलायम सिंह। आजमगढ़ में राष्ट्रीय लोकदल का कोई प्रत्याशी है नहीं।

भाजपा को समर्थन देने का सवाल ही नहीं पैदा होता। ऐसे में पुराने संबंधों के इतिहास को देखते हुए मुलायम सिंह को वह समर्थन दे सकते हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि वैसे तो मुलायम सिंह को उनके समर्थक की जरूरत नहीं है। वह खुद ही सक्षम हैं लेकिन आजमगढ़ में उनका प्रतीकात्मक समर्थन उन्हें रहेगा क्योंकि मुलायम की वजह से ही वह आजमगढ़ को कुछ दिला सके।

अमर उजाला से साभार ;
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(ताकि सनद रहे; प्रोफेसर साहब ने जो कुछ कहा है यथार्थ है )

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