Jan 10, 12:45 am
पश्चिमी दिल्ली, जागरण संवाददाता : देश के संविधान में दर्ज अन्य भाषाओं की तरह भोजपुरी को मान्यता दिलाने के लिए द्वारका में कांग्रेस, भाजपा सहित पांच राजनीतिक दलों के नेता, साधु-संत व विदेशी समाजसेवी एक मंच पर आए। उन्होंने एकमत से भोजपुरी को संवैधानिक भाषा की मान्यता दिलाने की पुरजोर वकालत की और इसे मधुर भाषा की संज्ञा भी दी। 'दैनिक जागरण' की मीडिया पार्टनरशिप में आयोजित इस दो दिवसीय विश्व भोजपुरी महासम्मेलन का उद्घाटन लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने किया।
उन्होंने कहा कि भोजपुरी सिर्फ भाषा ही नहीं बल्कि दर्शन व विचार भी है। यह संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल होने की पूरी हकदार है। ज्ञात हो कि मीरा कुमार भोजपुरी भाषी सासाराम संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। कार्यक्रम के आयोजक पूर्वाचल एकता मंच ने उन्हें 'भोजपुरी गौरव' सम्मान से नवाजा है। मॉरिशस से आई समाजसेवी सरिता बुधु व संत पायलट बाबा को भोजपुरी अस्मिता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 'दैनिक जागरण' के मुख्य महाप्रबंधक निशिकांत ठाकुर को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंटकर 'पत्रकारिता गौरव' सम्मान से सम्मानित किया गया। मंच पर विराजमान नेताओं, समाजसेवियों समेत स्पीकर मीरा कुमार ने भोजपुरी के लिए दैनिक जागरण के प्रयास की सराहना की।
खास बात यह कि मीरा कुमार ने विशुद्ध भोजपुरी में कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भोजपुरी में अपनापन है। उन्होंने इशारों में उन नेताओं व जनप्रतिनिधियों को जवाब भी दिया जो राजनीतिक स्वार्थ साधने के लिए बाहरी जैसे शब्द का इस्तेमाल करते हैं। सम्मेलन में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूढ़ी, राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह, काग्रेस सांसद महाबल मिश्रा, सांसद व जद यू नेता मीना सिंह, सांसद सुनील सिंह, ओम प्रकाश, पूर्व सांसद सज्जन कुमार व विदेशी स्कॉलर डॉ. तेंगी मोहन ने भी हिस्सा लिया।
रविशंकर ने लोकसभा अध्यक्ष से इसे आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग की। इस मौके पर पूर्वाचल एकता मंच के अध्यक्ष शिवजी सिंह, संरक्षक संजय सिंह आदि मौजूद थे।
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