24 जन॰ 2010


पंचतत्व में विलीन हुए समाजवादी पुरोधा

Jan 24, 02:31 am
इलाहाबाद। समाजवादी योद्धा जनेश्वर मिश्र शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। संगम के पास गंगा के दारागंज घाट पर पुलिस सम्मान के साथ उनकी अंत्येष्टि की गई। उनके अंतिम दर्शन को जनसैलाब उमड़ पड़ा। अंतिम यात्रा में मुलायम सिंह यादव परिवार के कई सदस्यों समेत शरीक हुए। उनके साथ ही पार्टी के 10 सांसद और 14 पूर्व मंत्री भी शामिल हुए। मुखाग्नि स्व. जनेश्वर मिश्र के छोटे भाई तारकेश्वर मिश्र ने दी।
जन-जन के नेता जनेश्वर मिश्र के अंतिम दर्शन को निरुपमा कालोनी, बेली स्थित उनके भतीजे संतोष मिश्र के आवास पर शनिवार सुबह से ही लोगों का जमावड़ा शुरू हो गया था। महात्मा गांधी का प्रिय भजन 'रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीता राम' की मधुर आवाज दुख की इस घड़ी में लोगों को शक्ति प्रदान कर रही थी। सुबह ही मंडलायुक्त ने मुख्यमंत्री, डीएम और डीआईजी ने उप राष्ट्रपति और राज्यपाल की ओर से पुष्पांजलि दी। इसके बाद पार्टी के पहली पंक्ति के दर्जन भर और दूसरी पंक्ति के 30 से ज्यादा नेताओं ने पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। हजारों की तादाद में कार्यकर्ताओं ने भी अंतिम दर्शन किये।

दोपहर तकरीबन 12 बजे सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पहुंचे तो बरबस ही कार्यकर्ताओं की जुबान से 'छोटे लोहिया अमर रहे' के नारे गुंजायमान होने लगे। 'जनेश्वर मिश्र की अंतिम इच्छा समाजवाद की हो रक्षा' पर तो मुलायम सिंह भी फफक पड़े। उन्होंने सिर झुकाकर अंतिम प्रणाम किया और फिर चरणों पर पुष्प चक्र अर्पित किया। फिर परिवारीजन को ढांढ़स बंधाने अंदर गए। मुलायम के आंसू थम ही नहीं रहे थे। यह देख भाई शिवपाल और बेटे अखिलेश उन्हें पास ही स्थित पार्क में पंडाल तक ले गए। इसके बाद सपा के झंडे में लपेटे पार्थिव शरीर को फूल-मालाओं से सजे वाहन पर रखा गया। अंतिम यात्रा शनिवार दोपहर ठीक 12.20 बजे उनके भतीजे के आवास से चली। यात्रा में हजारों की संख्या में लोग पैदल और सैकड़ों वाहन चल रहे थे। पहले कटरा स्थित उनके किराए के आवास पर अंतिम यात्रा पहुंची। वहां से शव यात्रा विश्वविद्यालय छात्रसंघ भवन, लक्ष्मी टाकीज चौराहा, कटरा, नेतराम चौराहा, मनमोहन पार्क, हिन्दू हास्टल चौराहा, सिविल लाइंस स्थित राम मनोहर लोहिया की प्रतिमा के पास रोकी गई। फिर चौक के घंटाघर स्थित छुन्नन गुरू की प्रतिमा, मीरगंज स्थित पार्टी के पुराने कार्यालय होते हुए कोठापार्चा, बैरहना चौराहा, अलोपीबाग, दारागंज स्थित निराला प्रतिमा के समक्ष शव यात्रा को रोका गया, जहां लोगों ने अंतिम दर्शन किया। मुलायम सिंह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने कंधा दिया। इसके बाद अंतिम यात्रा गंगा घाट पहुंची। चिता पर जैसे ही शव रखा गया, पुलिस गारद ने शस्त्र झुकाकर दिवंगत नेता को अंतिम सलामी दी। मातमी धुन बजाई गई और फिर ठीक शाम चार बजे छोटे भाई तारकेश्वर मिश्र ने चिता को मुखाग्नि दी। थोड़ी देर बाद मिंट्टी का लाल मिंट्टी में मिल गया।
श्रद्धांजलि देने वालों में सांसद रामगोपाल सिंह यादव, कुंवर रेवती रमण सिंह, बृजभूषण तिवारी, शैलेन्द्र कुमार, राधेमोहन सिंह, बाबू भगवती सिंह, बालकुमार पटेल, आरके सिंह पटेल, धर्मेन्द्र यादव, नीरज शेखर, पूर्व सांसद मोहन सिंह, विधान परिषद में नेता विरोधी दल अहमद हसन, और पूर्व मंत्री नारद राय, शारदा नंद अंचल, अंबिका चौधरी, रामकरन आर्या, कैलाश चौरसिया, राम गोविंद चौधरी, कैलाश यादव, अशोक बाजपेयी, विक्रमाजीत मौर्या, कुंवर उज्ज्वल रमण सिंह, राम आसरे विश्वकर्मा, अंसार अहमद, राजाराम पांडेय, विधायक जोखूलाल यादव, सनातन पांडेय भी शामिल रहे। कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष डॉ.रीता बहुगुणा जोशी, विधान मंडल दल के नेता प्रमोद तिवारी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सत्य प्रकाश मालवीय, श्यामकृष्ण पांडेय और बसपा सांसद कपिलमुनि करवरिया, उप्र ग्रामीण आवास परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक वाजपेई, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष रंजना बाजपेई ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किये।

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