13 फ़र॰ 2010



अमर का जातिवाद उनके सर चढ़ कर बोल रहा है!
डॉ.लाल रत्नाकर             
             माननीय अमर सिंह जी जिस धातु के बने है वह केवल जंक लगने और वैसे जंक खये तत्वों से घिरे रहने वाले व्यक्ति है जिनकी समझ स्थाई नहीं है दौलत इकठ्ठा करके जिस समृद्धि की आकांक्षा उन्होंने पाली है सदियों का उनका यह खेल जनता के सामने आ ही गया !
            संपत्ति बनाना और राजनीति में काम करना ,इनका मायने जिस कदर यैसे निरुत्साहित जमाखोरों ने बदल कर रख दिया उससे जमाखोरों पर नकेल कसने की सारी ताकत उन्ही जमाखोरों के पास चली गयी . 
              जिस किसान मजदूर से यह देश बना है उनको दिशा देने के नाम राजनीति करने वालों को इन  जमाखोरों और पूजीपतियों के दलालों ने "चौ.चरण सिंह" के चेलों को अपने कब्जे में करके धारा ही बदल दी, और अब जातीय संगठनों की सड़ांध के सहारे अपनी 'तकदीर' बनाने निकले है उनको जातिवादी बताते है, जिनके दामन में बैठकर उनके सजातीय लोगों की हत्या करवाए है जिसे वह अब कबूल रहे है,
             यैसे निकम्मों के चलते सारा समाजवादी आन्दोलन कलंकित हुआ है , लोहिया , नरेन्द्रदेव  तथा करोरों समाजवादियों को कलंकित होना पड़ा है  !

नीचे की की खबरें बिभिन्न समाचार पत्रों से साभार-
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क्षत्रियों को एकजुट कर ताकत दिखाई

Feb 13, 01:06 am
सहारनपुर, जाका : अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में क्षत्रिय चेतना रथयात्रा का यहां पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। भीड़ देख वक्ताओं ने समाज से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि क्षत्रियों को अपनी जमीन खुद बनानी होगी।
दिल्ली रोड स्थित साउथ सिटी में आयोजित समारोह में क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर हरिवंश सिंह ने कहा कि यात्रा के सहारनपुर में आगमन के साथ ही इसके प्रदेश में इसके 56 जिले पूरे हो गए हैं। यात्रा का मकसद समाज के लोगों को एकजुट करना है। पूरे देश में घूमकर उन्होंने देखा है कि यह समाज आज भी कमजोर नहीं है बल्कि इसे नेतृत्व की जरूरत है, यदि हम एकजुट नहीं हुए तो क्षत्रिय समाज की पहचान मिट जाएगी। हमें मुस्लिम राजपूतों से भी रोटी का रिश्ता जोड़ने का आह्वान किया। यूपी से अगला मुख्यमंत्री क्षत्रिय होना चाहिए। उन्होंने यूपी के बटवारे का समर्थन करते हुए कहा कि इसकी लड़ाई महासभा मजबूती के साथ लड़ेगी क्यों यूपी से बडे़ सिर्फ 6 देश हैं।
राष्ट्रीय महामंत्री अखिलेश्वर सिंह बबलू ने कहा कि जिस तरह सपा बसपा से एक वर्ग विशेष के लोगों का जुड़ाव है उसी प्रकार क्षत्रिय समाज को जागृत करना यात्रा का उद्देश्य है। महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूर्यकांत सिंह, कैप्टन बीएस राठौर व गढ़ मुक्तेश्वर के विधायक मदन सिंह चौहान ने कहा कि क्षत्रिय समाज का अपना अद्भूद इतिहास रहा है। आज यह समाज अंगड़ाई ले रहा है। इसमें हमें अगड़े पिछड़े सभी को साथ लेकर चलना है। राघवेंद्र सिंह राजू, ठा. लाल जी सिहं, कुंवर अजय सिंह, उदय शंकर सिंह आदि ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। इससे पूर्व क्षत्रिय महासभा के पदाधिकारियों ने ठाकुर अमर सिंह व राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिवंश सिंह व अतिथियों का बड़ी माला पहनाकर स्वागत किया गया। दोनों नेताओं ने सफल आयोजन के लिए महासभा के जिलाध्यक्ष नीरज चौहान व पदाधिकारियों की सराहना की। कार्यक्रम संयोजक एंव महासभा के जिलाध्यक्ष ठाकुर नीरज चौहान ने दोनो अतिथियों को गदा भेंट की। इस मौके पर युवा महासभा के राष्ट्रीय मंत्री डा. योगेंद्र राणा, राजनितिन रावत, कान सिंह राणा, जितेंद्र चौहान, देवपाल राणा, राकेश ठाकुर, रविंद्र ठाकुर, प्रमोश चौहान, संजय प्रधान, अजय पुंडीर, सोमपाल प्रधान समेत हजारों लोग मौजूद रहे।
मुसाफिर हूं यारों ....
सहारनपुर : क्षत्रिय सम्मेलन के बाद मीडिया से घिरे सांसद ठाकुर अमर सिंह से यह पूछा गया कि अब उनका क्या इरादा है और कांग्रेस, बसपा या कौन सी अन्य पार्टी में जा रहे हैं। या फिर अपनी पार्टी बनाएंगे। इस पर उन्होंने अपनी सारी बात गाने के इस बोल से कह दी। मुसाफिर हूं यारों न घर ना ठिकाना मुझे चलते जाना है। मै तो पथिक हूं चलना मेरा काम है मुझे कहीं नहीं जाना। न ही सत्ता हमारी प्राथमिकता है।

मुलायम के हर गुनाह का साझीदार हूं : अमर

Feb 12, 10:50 pm
सहारनपुर। समाजवादी पार्टी से अलग होते ही सांसद अमर सिंह अब 'नेताजी' के साथ गुनाहों में शामिल रहने की बातों को सहज स्वीकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 14 बरस तक वह मुलायम सिंह के साथ हर गुनाह में शामिल रहे। महिला आरक्षण, छोटे राज्यों का विरोध इनमें प्रमुख रहे। अपने गुनाहों के लिए वह जनता से माफी चाहते हैं।
अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के तत्वावधान में क्षत्रिय चेतना रथयात्रा के साऊथ सिटी में पहुंचने पर शुक्रवार को यहां अमर सिंह महासभा के संरक्षक के तौर पर आये थे। उन्होंने शुरुआत कुछ इस तरह की, 'मैं तो इतिहास हूं। उसे क्या दोहराऊं जो बीत गई वो बात गई। अब न तो पीएम और न सीएम बनने की इच्छा है। पद से हमेशा लालसा की उत्पत्ति होती है। इसलिए अपने समाज को जागृत करने का संकल्प लिया है।' अमर सिंह ने खुद ही सफाई भी दी कि जब मुलायम सिंह को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने कहा था कि क्या अब जाति की राजनीति करोगे। तब मैंने उन्हें जवाब दिया था कि सब आपसे ही सीखा है। क्षत्रिय राजनीति का नहीं बल्कि एक धर्म का नाम है।
अमर सिंह ने कहा कि यूपी में लंबे समय से जो सरकारें बनीं, उनका लाभ वर्ग विशेष को मिला। उन्होंने नाम लिए बिना कहा कि इस बार सपा-बसपा यह घोषणा करें कि वह किसी पिछडे़ को मुख्यमंत्री बनाएंगे। सपा पर हमला बोलते हुए कहा कि जब तक मेरा शरीर स्वस्थ रहा, तब तक 14 साल तक वहां मेरा इस्तेमाल कूड़ेदान की तरह किया गया। बीमार हुआ तो मुझे बेइज्जत कर पार्टी से निकाल दिया। यदि मुझे बेशर्म न कहा जाता तो मेरे अंदर का स्वाभिमान न जागता। उन्होंने सपा को कल्याण सिंह और ठाकरे से भी खतरनाक बताया। साक्षी महाराज, कल्याण सिंह या फिर फिल्मी सितारों की बात रही तो कहते रहे अमर सिंह ने किया है। मगर मेरे आने से पहले तो राजबब्बर पार्टी में आ गए थे। विष्णु हरि डालमिया के पुत्र संजय डालमिया को सांसद बनाया था। उन्होंने कहा कि मुलायम सांप हैं या संत इसका फैसला जनता या मीडिया करे। मुलायम ने मुझे पार्टी से निकालकर लांछित नहीं किया, बल्कि अपने इतिहास पर थूका है।
नेता जी खुद कंप्यूटर व अंग्रेजी का विरोध करते रहे और अपने बच्चों को पढ़ने के लिए विदेश भेजते रहे। इसी प्रकार महिला आरक्षण, पृथक उत्तराखंड आदि का विरोध किया। इन सभी मामलों पर मैं भी 14 साल तक पार्टी में रहने के कारण गुनहगार रहा हूं। यूपी के तीन टुकड़े होने चाहिए। क्षत्रिय समाज एकता में अनेकता न कर अगड़े, पिछड़े, अल्पसंख्यक तथा मजलूमों को साथ लेकर चले।




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