28 मई 2010

जनगणना 2011
साथियों जनगणना के मामले पर बुद्धिजीवी (विशेष प्रकार) का मिडिया कुछ नेता ब्यूरोक्रेट तथा सनातनी जातिवादियों ने
अफवाहों के द्वारा सूचना क्रांति और पाखंड दोनों को साथ साथ चलाना चाहते है स्वर्गीय राजीव गाँधी के उस बयान जिससे
पूरा तंत्र परेशान हो गया था (१००=१५ बनाम ८५) का गडित सारा समीकरण बिगाड़ के रख दिया गाँव के विकास के लिए
पंचायती राज और उसका परिणाम गांवों के ज्यादा आबादी वालों का दबदबा और सनातनी जातिवादियों की खोज महिला
आरक्षण बिना जाति के जनगणना आदि आदि.
इसी सन्दर्भ से तैयार किया गया एक पोस्टर जिसे आप बनवाकर यानि प्रिंट कराकर अधिकाधिक लगाने का कष्ट करें -
डॉ.लाल रत्नाकर


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