26 मई 2010

अभी अभी
जातिगत जनगणना का मसला जीओएम के हवाले. 
 

नई दिल्ली। जाति के आधार पर जनगणना के मसले पर फैसला एक बार फिर टल गया है। केन्द्र सरकार की आज दोपहर बाद होने वाली केबिनेट की बैठक में जातिगत जनगणना के बारे में फैसला होना था। लेकिन अब यह मसला मंत्रियों के समूह (जीओएम) को सौंपने का निर्णय लिया गया है। जातिगत जनगणना पर फैसले के लिए जीओएम की एक कमेटी बनाई गई है। सूत्रों के अनुसार प्रणब मुखर्जी इसके अध्यक्ष होंगे। हालांकि, इसका औपचारिक ऎलान अभी नहीं किया गया है। जीओएम इस बारे में अपनी राय देगा तथा इसी राय के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेस के दौरान इस बारे में जल्द कोई निर्णय लेने की बात कही थी। जातिगत जनगणना को लेकर न केवल अन्य राजनीतिक दलों बल्कि सरकार के भीतर ही इस मुद्दे पर समान विचार नहीं बन पा रहे। ऎसे में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस मामले पर चर्चा जारी रखने का फैसला किया था। जातिगत जनगणना का विरोध कर रहे कुछ नेताओं का मानना है कि इससे पुरातनकालीन जाति आधारित संस्कृति को बल मिलेगा। जबकि आज के समय में जाति को लेकर कोई अन्तर नहीं किया जाना चाहिए।

दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनतादल यू, समेत कई अन्य दल जातिगत जनगणना का समर्थन कर रहे हैं। यह मुद्दा संसद के बजट सत्र के दौरन भी चर्चा में आया था, तब प्रधानमंत्री ने संसद सदस्यों को अवगत कराया था था कि इस मामले में कोई भी निर्णय लेने से पहले सभी की राय ली जाएगी। गौरतलब है कि देश में जाति आधारित जनगणना 1931 में हुई थी। 

1 टिप्पणी:

संजय कुमार चौरसिया ने कहा…

lagta hai abhi aur mudde uthenge is jangarhna main

http://sanjaykuamr.blogspot.com/

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