6 मई 2010




आसान नहीं जाति आधारित जनगणना की राह

पंकज कुमार पांडेय
First Published 7:08[IST](06/05/2010)
Last Updated 07:25[IST](06/05/2010)
नई दिल्ली. जाति आधारित जनगणना की राह केंद्र सरकार के लिए आसान नहीं है। इस मसले पर कैबिनेट में मतभेद उभरने के बाद कांग्रेस ने तय किया है कि जनगणना की मौजूदा प्रक्रिया को रोके बिना आम राय के आधार पर आगे बढ़ा जाए।

पार्टी के एक वरिष्ठ सदस्य ने कहा कि जाति आधारित जनगणना का मसला बहुत संवेदनशील है। इस पर आम राय के बिना सरकार कोई फैसला नहीं कर सकती। इसी सोच के आधार पर सरकार ने इस मामले को संसद में चर्चा के लिए पेश किया है। सांसदों का रुख जानने के बाद सरकार इस मामले में अपना पक्ष रखेगी।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस मामले पर कैबिनेट में दोबारा विचार किया जा सकता है। जाति आधारित जनगणना के मसले पर कांग्रेस के भीतर भी अलग-अलग सुझाव सामने आ रहे हैं। पार्टी के एक महासचिव ने कहा कि सरकार को जाति नहीं तो कम से कम वर्ग के आधार पर गणना जरूर करनी चाहिए, ताकि सरकार के कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाया जा सके । लेकिन सूत्रों के अनुसार, कैबिनेट में गृह मंत्री पी. चिदंबरम के रुख से साफ है कि उनका मंत्रालय जनगणना की मौजूदा प्रक्रिया में छेड़छाड़ करने के पक्ष में नहीं हैं।

चिदंबरम का मानना है कि सरकार जाति आधारित जनगणना के लिए सर्वे का सहारा ले सकती है। मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में वीरप्पा मोइली और जयपाल रेड्डी समेत कई वरिष्ठ मंत्रियों ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया। लेकिन कुछ वरिष्ठ मंत्री इसका विरोध कर रहे हैं।

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