6 मई 2010

जाती का उल्लेख अब जनगरना २०११ में किया जायेगा जिससे देश कि असली तस्वीर दिखाई देगी यह काम कितने संघर्षों के बाद हुआ है. 
इस काम के लिए यादव बंधुओं को साधुवाद .

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बिना जातीय आधार पर सेंशस के सेंशस के कोई मायने नही है ,यदि होता है तो यह देशद्रोह है , येसी देशद्रोही प्रक्रिया को अंजाम देनेवाली सरकार अपने आप में 'इस प्रकार के अपराध' में स्वतः लिप्त हो जाती है ?
क्या आप इस बात से सहमति रखते है तो आप लिखें - हम आपको यहाँ प्रकाशित करेंगे |
late.amarnath@gmail.com
डॉ.लाल रत्नाकर

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