6 अग॰ 2010

दैनिक जागरण ०६-०८-२०१० से साभार-

जातीय जनगणना के पक्ष में खुलकर आये दिग्विजय 
नई दिल्ली [राजकिशोर]। जातीय जनगणना पर कांग्रेस अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं कर सकी है लेकिन कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अपने पत्ते खोल पार्टी नेतृत्व पर दबाव बढ़ा दिया है।
उन्होंने जातीय जनगणना का न सिर्फ पुरजोर समर्थन किया बल्कि कहा कि इसका विरोध करने वाले सच्चाई से भाग रहे हैं। यहां काबिलेगौर है कि नक्सल मुद्दे पर दिग्विजय के निशाने पर रहे गृह मंत्री पी. चिदंबरम ही कांग्रेस में जातीय जनगणना के सबसे ज्यादा खिलाफ माने जाते हैं।
बेंगलूर के नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया की तरफ से जातीय जनगणना पर आयोजित एक संगोष्ठी में दिग्विजय ने तमाम सांसदों और बुद्धिजीवियों की मौजूदगी में जातीय जनगणना की जोरदार पैरवी की। इस कार्यक्रम में कानून मंत्री वीरप्पा मोइली को भी आना था लेकिन शायद कांग्रेस का रुख स्पष्ट न होने के चलते वह कन्नी काट गए।
यही नहीं, कांग्रेस प्रवक्ता जयंती नटराजन ने भी कहा, 'अभी पार्टी इस मसले पर विचार-विमर्श कर रही है। किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद कांग्रेस अपना रुख जाहिर करेगी।' यह याद दिलाने पर कि मंत्री समूह ने 7 अगस्त तक सभी राजनीतिक दलों से इस मसले पर राय मांगी है? नटराजन का जवाब था कि अभी उसमें वक्त है।
बहरहाल, कांग्रेस के दूसरे नेताओं से जुदा दिग्विजय ने बिना किसी लाग-लपेट के जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया। कांग्रेस के ही सांसद व ओबीसी संसदीय फोरम के अध्यक्ष हनुमंत राव की मौजूदगी में दिग्विजय ने साफ कहा, 'जाति भारत में एक सचाई है, जिसे सभी राजनीतिक दल और समाज स्वीकार कर चुका है। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि जाति आधारित जनगणना के विरोध के पीछे तर्क क्या है? इससे क्या नुकसान होने जा रहा है? और, इसमें परेशानी क्या है? अब वक्त आ गया है कि बरसों से अटकी इस प्रक्रिया को शुरू किया जाए।'
दिग्विजय ने समता मूलक समाज के लिए जातियों का सही आंकड़ा होने का तर्क देते हुए कहा, 'मैं जातीय जनगणना का पुरजोर तरीके से समर्थन करता हूं क्योंकि यह एक सचाई है।' बाद में पत्रकारों के इस सवाल पर कि क्या कांग्रेस भी आपके मत की है? उनका जवाब था, 'हर राजनीतिक दल जाति की अहमियत जानता व समझता है।'
उल्लेखनीय है कि गृह मंत्री चिदंबरम जाति आधारित जनगणना के विरोध में हैं। उनके नायब गृह राज्य मंत्री अजय माकन तो सभी सांसदों को पत्र लिखकर जातीय जनगणना के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। कांग्रेस अभी खुद इस पर अंतिम निर्णय नहीं ले सकी है। ऐसे में दिग्विजय के इस मसले पर मुंह खोलने से यह मुद्दा गरमा गया है। भाकपा सांसद डी. राजा ने पूरी तरह दिग्विजय की बात का समर्थन किया। दिग्विजय को कामरेड की संज्ञा देते हुए राजा ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि मंत्रिसमूह को सद्बुद्धि आएगी और वह जाति आधारित जनगणना के समर्थन में फैसला देगा।'

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