7 अग॰ 2010

दैनिक जागरण से साभार-

भाजपा ने लिया जाति आधारित जनगणना का पक्ष







नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जातीय जनगणना के मुद्दे पर भाजपा ने सरकार को उसी की भाषा में जवाब भेजा है, लेकिन उसने साफ कर दिया है कि पार्टी जाति आधारित जनगणना के पक्ष में है। पार्टी के केंद्रीय कोर ग्रुप में चर्चा के बाद विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी को भेजे पत्र में स्पष्ट किया है कि सरकार चाहे तो जनगणना के काम को प्रभावित किए बगैर भी यह काम किया जा सकता है। इधर, कई दलों की राय अभी तक न आने से इस मामले पर गठित मंत्रिमंडलीय समूह [जीओएम] ने अपनी बैठक चार दिन आगे बढ़ाते हुए 11 अगस्त को करने का फैसला किया है।
भाजपा के केंद्रीय कोर गु्रप की बैठक में हुई चर्चा में संघ की राय व पार्टी के विभिन्न नेताओं की राय पर विचार-विमर्श करने के बाद पार्टी ने लोकसभा में इस बारे में अपने रुख पर ही कायम रहने का फैसला किया है। जनगणना को जातीय आधार पर कराने को लेकर उठे विवाद में सरकार ने अपनी तरफ से कोई फैसला न लेते हुए विभिन्न दलों से उनकी राय मांगी है। इसके लिए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने विभिन्न दलों को पत्र लिख कर सात अगस्त तक जवाब मांगा था। भाजपा ने इस पर अपनी राय बनाने के लिए शुक्रवार को केंद्रीय कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी।
बैठक में वित्त मंत्री के पत्र की भाषा को लेकर काफी ऊहापोह रही। बैठक के बाद पार्टी महासचिव अनंत कुमार ने कहा कि मुखर्जी के पत्र की भाषा भ्रामक व अस्पष्ट है। पार्टी का मानना है कि जनगणना के काम को प्रभावित किए बगैर सरकार चाहे तो जहां भी और जब भी जरूरी हो जाति का खंड रख सकती है।
इस मुद्दे पर गठित जीओएम की बैठक भी चार दिन के लिए टाल दी गई है। इसकी वजह सभी दलों की राय न आ पाना रहा है। गुरुवार तक सरकार के पास केवल आठ दलों की राय पहुंची थी, जिनमें जातीय जनगणना के पक्षधर सपा, जद [यू] व राजद के पत्र शामिल थे। खास बात यह है कि सत्तारूढ़ कांग्रेस ने अभी तक अपनी राय नहीं दी है।

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