26 अक्तू॰ 2010

(दैनिक भाष्कर से साभार -

‘राहुल को तो गंगा में फेंक देना चाहिए’


फतुआ (बिहार). चुनावी सभा में कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार पर हमला बोलते हुए जेडीयू नेता शरद यादव ने कहा कि राहुल गांधी को तो गंगा में फेंक देना चाहिए। उनके इस बयान से बवाल मच गया।

बिहार में तीसरे दौर के चुनाव के लिए हुई आमसभा में शरद यादव ने कहा कि कांग्रेस और गांधी-नेहरू परिवार को देश पर 50 साल तक राज करने का मौका मिला।

कार्रवाई की मांग: शरद यादव द्वारा दिए गए व्यक्तिगत बयान पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि शरद यादव ने नेहरू-गांधी परिवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। यह अपमानजनक और आपराधिक है।

आस्तीन चढ़ाई और..

यादव ने भाषण के दौरान आस्तीन ऊपर चढ़ाते हुए कहा, ‘ये राहुल गांधी का स्टाइल है। उन्हें जो भी लिखा हुआ दे दिया जाता है, वे पढ़ देते हैं। उन्हें कुछ नहीं पता होता। ऐसे नेता को गंगा में फेंक दिया जाना चाहिए, लेकिन लोगों को इस बारे में कुछ नहीं पता है और यही देश का दुर्भाग्य है।’)


शरद यादव ने जो कुछ कहा है वह सत्य है.पर बहुत कम है !

डॉ.लाल रत्नाकर 

यह बयान कितना सही है इस पर बहस होनी चहिये यह बात तो समझ में आती है. पर यह बात बिलकुल समझ में नहीं आती की कंगेरेसी इसको चुनाव आयोग में चुनौती की बात करते है, चुनाव आयोग यदि सक्षम नहीं है यह देखने के लिए की 'राजीव गाँधी या इनके जैसे नौसिखिये क्या क्या बोलते फिर रहे है' यथा गरीबों का मजाक उड़ाते 'कलावती' या दलित बस्तियों में जाकर उनका मजाक बनाना ये जो गरीब है इसी आदमी के कुल के अभिशाप है 'नेहरू की गलत नीतियाँ और कांग्रेस का पूंजीवाद और आंतरिक जातिवाद तथा आतंरिक धार्मिक संकीर्णता और खुला दलित और पिछड़ा व् मुश्लिम विरोध के चलते.' इस देश का बंटाधार हुआ है. समाजवादी गीत और पूंजीवादी नीति ने इस देश के रक्त को पी गया है .
आज शरद यादव ने एक बात कह कर अपने भीतर के उदार सत्य को जाहिर कर दिये है यही कांग्रेस के अन्दर जिन्हें देश की चिंता है सोचते है पर कहते नहीं है, बेशक स्वर्गीय राजीव गाँधी की शिक्षा दीक्षा देश चलाने की लिए नहीं थी जहाज चलाने की थी पर राहुल बाबा तो देश चलाने की कांग्रेसी ट्रेनिंग ले रहे है एक ज़माने में संजय गाँधी की ट्रेनिंग भी इन्ही कांग्रेसी सलाहकारों ने दी और दिलाये थे जिसका खामियाजा इंदिरा जी के उस लाडले को झेलना पड़ा - तुलसी के शब्दों में कहा जाय तो - समरथ को नहीं दोष गोसाई |
शरद यादव जैसे सजग और अनुभवी राजनेता यदि कुछ कह रहे है तो कांग्रेसियों को उससे सीख लेनी चहिये. और अपने नवजवान नेता को सीख देना चहिये क्योंकि आज का भारत इतना तो बदल ही गया है की यहाँ सबको अपनी अपनी सुबिधायें समझ में आ गयी है .

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