29 जून 2011


(अब आँख भी दिखायेंगे कांग्रेसी, बाबा रामदेव 'दरअसल' बाबा न रहकर राजनेता होते नज़र आ रहे हैं जबकि कुछन लोगों का मानना है की बाबा के साथ कांग्रेस ज्यादती कर रही है. 'भ्रष्टाचार में डूबी कांग्रेस' बाबा के आन्दोलन को पचा नहीं पा रही है.)
  
सीमाओं में रहें बाबा रामदेव: सलमान खुर्शीद
जमशेदपुर, एजेंसी
First Published:27-06-11 04:10 PM
Last Updated:27-06-11 04:11 PM
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लोकपाल बिल की ड्राफ्टिंग कमेटी के सदस्य तथा केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने भ्रष्टाचार और काले धन के मुद्दे पर केंद्र सरकार के खिलाफ फिर से उग्र तेवर दिखा रहे योग गुरु बाबा रामदेव को रविवार को लोकतांत्रिक सीमाओं में रहने की सलाह दी।

खुर्शीद ने गांधीवादी समाजसेवी अन्ना हजारे समेत सिविल सोसायटी के अन्य नुमाइंदों को भी परोक्ष रूप से चुनाव लड़ने की चुनौती दी, साथ ही चुनाव सुधारों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत पर भी बल दिया।
बाबा रामदेव के फिर से तीखे हो रहे तेवरों पर खुर्शीद ने यहां पत्रकारों से कहा कि योग शिविर के नाम पर आंदोलन के कारण उनके खिलाफ कार्रवाई हुई थी। उन्हें समझना चाहिए कि लोकतांत्रिक विरोध की सीमाएं है और इनके भीतर ही रहना चाहिए।
सिविल सोसायटी की चर्चा करते हुए खुर्शीद ने कहा कि गैर निर्वाचित लोगों को कानून का मसौदा तैयार करने वाली समिति में शामिल करना सरकार की उदारता और संवेदनशीलता है। ऐसे लोग सरकार का विरोध तो कर सकते हैं पर संसद को चुनौती नहीं दे सकते। अगर वे जनता के प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं तो उन्हें जनता के पास जाना चाहिए जिसका एक ही रास्ता है चुनाव लड़ना।
उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि यह कहना सही नहीं है कि चुनाव लड़े बिना कोई जनता की आवाज बन सकता है। अगर ऐसा है तब तो हमे लगता है कि चुनाव जीत कर हमने जुर्म कर दिया।
हालांकि उन्होंने चुनाव प्रक्रिया तथा अन्य व्यवस्थागत सुधारों का समर्थन करते हुए कहा कि मौजूदा व्यवस्था में परिवर्तन होना चाहिए। पर इस पर कोई चर्चा नहीं कर रहा। आपराधिक मामलों में लंबी प्रक्रिया के बाद अदालतों में मात्र दो प्रतिशत लोगों को ही सजा हो पाती है। लोकपाल बिल भी तो मामलों को अदालत को ही भेजगा। इस व्यवस्था को रातों रात नहीं बदला जा सकता क्योंकि सरकार या सिविल सोसायटी के पास भी कोई जादू की छड़ी नहीं है।

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