25 जुल॰ 2011

क्या हो गया है नेता जी आपको ?
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अमर सिंह के समर्थन में आए मुलायम सिंह
नई दिल्ली, एजेंसी

Last Updated:24-07-11 04:57 PM

 अपने पूर्व सहयोगी अमर सिंह का समर्थन करते हुए सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने वोट के बदले नोट मामले में उनसे पूछताछ को अन्याय  करार दिया और कहा कि वह राज्यसभा सदस्य को इस संकट से उबरने में मदद करेंगे।
सपा प्रमुख ने हालांकि सिंह के पार्टी में लौटने की संभावना से इंकार किया। सिंह को पिछले साल पार्टी से  निष्कासित कर दिया गया था। यादव ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अमर सिंह के साथ अन्याय हो रहा है। यह लोकसभा सदस्य रेवती रमण सिंह और अमर सिंह को परेशान करने की साजिश है। अमर ने 2008 में विश्वास मत के दौरान कांग्रेस को मदद दी और सपा ने संप्रग के पक्ष में मतदान किया था। और अब उनसे पूछताछ की जा रही है                            
 मुलायम सिंह यादव ने कहा कि अमर सिंह भाजपा सांसदों को रिश्वत देने के मामले में शामिल नहीं थे। उदास दिख रहे यादव ने कहा कि हमने कांग्रेस के पक्ष में मत देकर उनकी मदद की। क्या हम सरकार में शामिल हुए क्या अमर सिंह या रेवती सिंह मंत्री बन गए अगर पैसे का लेनदेन होता तो मुझे उसकी जानकारी होती।
उन्होंने कहा कि वह पार्टी के निष्कासित महासचिव को संकट से उबरने में उनकी मदद करेंगे।  हमने सरकार की मदद की, अब रेवती और अमर जांच के दायरे में हैं।
         एक प्रश्न के उत्तर में यादव ने सिंह के पार्टी में लौटने की संभावना से इंकार किया।  हम उन्हें पार्टी में वापस नहीं ले रह़े। उनके साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने इस सवाल पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया कि कांग्रेस प्रमुख के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल से भी पूछताछ होगी। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम। इस मामले में अमर सिंह से पूछताछ हो चुकी है, जबकि रेवती रमण सिंह से दिल्ली पुलिस पूछताछ करेगी।
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क्या हो गया है नेता जी आपको ?
१. माना की आप उदार हैं और समाजवादी भी पर आप किसको बचाने में लगे हैं |
२. यही अमर सिंह जी आपको अभी गलियां देते नहीं थक रहे थे क्या नहीं कहा आपको|
३. आप सावधान हो जाईये दिग्गी नरेश का बयान आने वाला है की आंच आप पर भी आने वाली थी जाँच की इसीलिए आप अमर के साथ खड़े हो रहे हैं.
४. अमर का इस्तेमाल कांग्रेस आपको फ़साने के लिए कर रही है.
५. अमर का इस्तेमाल कांग्रेस किसी रूप में कर सकती है आप सीधे पकड़ में नहीं आ रहे होंगे उत्तर प्रदेश के चुनाओं में कांग्रेस आप के खिलाफ इसका इस्तेमाल करेगी|
५. नेताजी अमर ने दलाली तो की है यह पक्का है ''बच्चा बच्चा बोल रहा है अमर सिंह नेता नहीं 'दलाल है' सपा के लिए काल है''
६. यदि आप नहीं मानते हैं तो कोई बात नहीं पर कुछ बुरा होने वाला है यह पक्का मान लीजिये.
७. जाँच होने दीजिये अमर और रेवती रमण दोनों की समाजवादी छवि भी साफ हो जाएगी.
८. न जाने कहाँ से पकड़ कर ला दिया आपने इन दोनों को जो सामंतवाद लोहिया ने तोड़ने का प्रयास किया था उसके जड़ में यह मट्ठे की तरह का कम कर रहे हैं समाजवादी पार्टी में रहकर.
९. इस देश का सामंत कभी न्यायप्रिय हो ही नहीं सकता .
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ये हैं आपके चट्टे बट्टे-

रेवती रमण, अर्गल से पुलिस की पूछताछ
नई दिल्ली, एजेंसी
First Published:25-07-11 08:33 PM
नोट के बदले वोट मामले में अपनी जांच को बढ़ाते हुए दिल्ली पुलिस ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के सांसद रेवती रमण सिंह और भाजपा सांसद अशोक अर्गल से अलग-अलग पूछताछ की और दोनों ने ही इस मुद्दे पर अलग-अलग बयान दिए।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि 2008 में हुए नोट के बदले वोट घोटाले में कथित रिश्वत देने में मध्यस्थ की भूमिका निभाने के आरोपी रेवती रमण सिंह से अपराध शाखा के अधिकारियों ने करीब 90 मिनट तक पूछताछ की और यह पता लगाने का प्रयास किया कि इस मुद्दे से उनका कोई नाता है या नहीं।
सूत्रों ने कहा कि 68 वर्षीय रेवती रमण ने पुलिस को बताया कि अर्गल उनसे संपर्क कर कहा था कि वह और भाजपा के दो अन्य सांसद सपा में शामिल होना चाहते हैं क्योंकि उन्हें डर था कि संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन के चलते भाजपा उन्हें टिकट नहीं देगी।
इलाहाबाद से सांसद रेवती रमण ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पुलिस को वही बताया जो घोटाले की जांच करने वाली संसदीय समिति को बताया था। उन्होंने कहा, मैंने उन्हें वही बताया, जो मैंने संसदीय समिति को बताया था। मामला अब सुप्रीम कोर्ट के सामने है। मैं चाहता हूं कि पूरे मामले की साजिश का खुलासा हो।
सूत्रों ने कहा कि कुछ घंटे बाद पुलिस ने अर्गल से भी पूछताछ की जिन्होंने रेवती रमण सिंह की दलील का विरोध करते हुए बिल्कुल विपरीत बयान दिया। उन्होंने दावा किया कि रेवती रमण ने उनसे संपर्क किया था और उन्हें बताना होगा कि 21-22 जुलाई, 2008 की दरमियानी रात को वह उनके (अर्गल के) घर में क्या कर रहे थे।
अर्गल ने सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वह कांग्रेस या सपा में शामिल क्यों होंगे, जैसा कि रेवती रमण ने दावा किया है। उन्होंने कहा, मैं भाजपा कार्यकर्ता के तौर पर ही मरुंगा। आपातकाल के दौरान मेरे पिता 19 महीने तक जेल में रहे थे। तो मैं कांग्रेस या सपा में क्यों जाउंगा। इस तरह का कोई सवाल नहीं उठता।
42 वर्षीय अर्गल ने कहा, पुलिस कांग्रेस और सपा नेताओं को क्लीन चिट देने के बाद मुझसे पूछताछ कर रही है। जांच के बाद सचाई सामने आएगी।
पुलिस ने रेवती रमण से सुहैल हिंदुस्तानी की ओर से आए फोन कॉल के बारे में भी पूछा, जिस पर 21 और 22 जुलाई, 2008 की दरमियानी रात को रिश्वत देने और रिश्वत लेने वालों के बीच मध्यस्थता का आरोप है। पुलिस ने यह भी पूछा कि वह अर्गल के घर क्यों गये थे जैसा कि उन्होंने आरोप लगाया है।
दिल्ली पुलिस ने पिछले दस दिन में इस मामले में पांच लोगों से पूछताछ की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को लचर जांच के लिए फटकार लगाई थी। तीन दिन पहले ही जांचकर्ताओं ने इस मामले में सपा के पूर्व नेता अमर सिंह से पूछताछ की थी। इससे पहले इसी मामले में संजीव सक्सेना और सुहैल हिंदुस्तानी को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया जा चुका है।
पुलिस ने रेवती रमण और अन्य आरोपियों को पहले ही एक तरह से क्लीन चिट दे दी है। पुलिस का कहना है कि हिंदुस्तानी ही वह शख्स है, जिसने सांसदों के वोट के लिए उनसे संपर्क करने की कोशिश की।
जांचकर्ताओं का मानना है कि हिंदुस्तानी ही पूरे घोटाले का सूत्रधार है और उसने सपा नेताओं को अपने जाल में फंसाने की कोशिश की और इसी उद्देश्य से उसने रेवती रमण सिंह को फोन किया
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क्या राज्यसभा चोरों और दलालों की पनाहगार हो गयी है !
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