उत्तर प्रदेश के मख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि आईटी कंपनियों को नोएडा क तर्ज पर अपने उद्योग लखनऊ और प्रदेश के अन्य शहरों में भी लगाने चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई की कंपनियां इस बात पर गौर करेंगी।
उन्होंने कहा कि सपा की पहले की सरकार ने तय किया था कि जब तक प्रदेश के हर जिले में चार इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं होते, तब तक नोएडा में कोई इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी। लेकिन पिछली सरकार ने इस निर्णय को बदल दिया। वह सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आईटी क्षेत्र में लग सकने वाले प्रोजेक्ट से संबंधित एक प्रेजेंटेशन में बोल रहे थे।
अखिलेश ने कहा कि सरकार आईटी की सुविधा का लाभ जनता को दिलाने के लिए अच्छे अधिकारियों की तैनाती करेगी। उन्होंने कहा कि नि:शुल्क बंटने वाले टैबलेट व लैपटॉप अंग्रेजी के साथ उर्दू एवं हिंदी फांट वाले होने चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि लैपटॉप के लिए बैटरी ऐसी हो जो कम से कम आठ से दस घंटे चले। ताकि ग्रामीण बच्चे लैपटॉप का पूरी तरह उपयोग कर सकें। अभी जो लैपटॉप बाजार में हैं उनमें बैटरी अपेक्षाकृत कम समय चलती है। इस बैठक में मंत्री आजम खां, बलराम यादव, राज महेंद्र अरिदमन सिंह, अंबिका चौधरी व राज्य मंत्री अभिषेक मिश्रा भी मौजूद थे।
लैपटॉप बांटने को यूपी में लगे फैक्ट्री : शिव नाडर
प्रेजेंटेशन में एचसीएल कंपनी व फाउंडेशन के अध्यक्ष शिव नाडर ने कहा कि अगर प्रदेश सरकार को विद्यार्थियों को लैपटॉप बांटने की योजना प्रभावी बनानी है, तो वह यहां फैक्ट्री लगाए। प्रदेश की जरूरत के मुताबिक 40 लाख लैपटॉप की सप्लाई संभव नहीं है। उन्होंने ऐलान किया कि यूपी में आईटी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एचसीएल फाउंडेशन 120 स्कूलों में ई-लर्निंग प्रोजेक्ट नि:शुल्क चलाएगा। इसके लिए स्कूलों का चयन प्रदेश सरकार करेगी।
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