शुक्रवार
11 से 17 अप्रेल 2014
(साभार श्री विरेन्द्र यादव के फेसबुक से)
11 से 17 अप्रेल 2014
(साभार श्री विरेन्द्र यादव के फेसबुक से)
लोहिया का कहना था कि -" यौन आचरण में केवल दो ही अक्षम्य अपराध हैं, बलात्कार और झूठ बोलना या वादों को तोडना ". और लोहिया को अपना गुरु मानने वाले मुलायम सिंह बलात्कारियों के लिए कह रहे हैं -"लड़के हैं गलती हो जाती है ." सचमुच पार्कों में लोहिया की मूर्ति लगाने के बाद मुलायम खुद पत्थर हो गए हैं . लोहियावादियों की लोहिया के विचारों से यह मुक्ति राजनीति में विचारों के लोप का अक्षम्य अपराध है . .. पितृसत्ता में पगी यह यह विचारहीनता ही उस बहुसंख्यकवाद एवं सवर्णवाद को आधार प्रदान करती है जिसके नायक आज नरेन्द्र मोदी हैं .
संग्लन है आज के इन्ही सन्दर्भों पर 'शुक्रवार' पत्रिका के नए अंक में प्रकाशित यह लेख .
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