17 सित॰ 2009


लोग कलाकार को देखते हैं, कला को नहीं : डा. भारती

Sep 16, 12:21 am


साहिबाबाद, जागरण संवाद केंद्र : डा. ओम प्रकाश भारती को राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय ने इंदिरा गांधी राजभाषा मौलिक पुस्तक लेखन में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार उन्हे उनकी पुस्तक 'बिहार के पारंपरिक नाटय' के लिए दिया गया है। डा. भारती ने 'दैनिक जागरण' से बातचीत करते हुए बताया कि आज लोग कलाकार को देखते है, कला को नहीं। जिसकी वजह से लोक कलाएं लुप्त होती जा रही है। डा. भारती साहिबाबाद के राजेंद्र नगर सेक्टर तीन में रहते हैं। उन्हें यह पुरस्कार राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने सोमवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में दिया।
डा. भारती ने बताया इस लेखन में उनकी 18 वर्षो की मेहनत शामिल है। इस दौरान उन्होंने अनुभव किया कि कला का समाज शास्त्रीय अध्ययन जरूरी है। अन्यथा, लोक कलाएं लुप्त हो जाएंगी। मूलरूप से बिहार के सहरसा निवासी डा. भारती वर्तमान में केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी के पूर्वोत्तर केंद्र के निदेशक है। वे शिलांग में नियुक्त है। इससे पूर्व डा. भारती को लोक साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 2007 में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा विलासा लोक साहित्य सम्मान व पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा वर्ष 2008 में सेरा पांच पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

आभार इस जानकारी का.

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