Dec 06, 10:17 pm
गाजियाबाद, वसं : हाइकू दिवस पर कवियों ने हाइकू कविता पर गंभीर चर्चा की। इस मौके पर सृजन कर्मियों ने एक साथ साहित्यिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। समारोह में मुख्य वक्ता डा.कुंवर बेचैन ने कहा कि जापान से आयी 17 वर्णो की काव्य विधा को हाइकू की संज्ञा दी गयी। प्रो. सत्य भूषण वर्मा के जन्मदिन को हाइकू दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन्होंने कविता की इस विधा को आगे बढ़ाने में विशेष योगदान दिया।
समारोह के अध्यक्ष ओम प्रकाश चतुर्वेदी ने इसे सांकेतिक कविता की संज्ञा दी। डा. लाल रत्नाकर ने इस प्रकार की साहित्यिक गतिविधियों को महानगर की सांस्कृतिक जड़ता को तोड़ने में महत्वपूर्ण बताया। संयोजक कमलेश भट्ट ने हाइकू में प्रो. वर्मा के महत्वपूर्ण प्रयासों को रेखांकित किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें