13 दिस॰ 2009

प्रदेश विभाजन पर टिकैत ने जताया एतराज

Dec 12, 10:43 pm


इटावा। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत ने प्रदेश विभाजन पर एतराज तो जताया साथ ही यह भी कहा कि इस संबंध में अगर सभी की रजामंदी होती है तो वे इसका विरोध भी नहीं करेंगे हालांकि उन्होंने कहा कि जो मजा संयुक्त और बड़े परिवार में है वह बंटे परिवारों में देखने को नहीं मिलता।
श्री टिकैत किसान शहीद दिवस में भाग लेने वस्ती जाते समय इटावा में माध्यमिक वित्तविहीन प्रबंधक महासभा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष शिशुपाल शरद के आवास पर पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आजादी से पूर्व देश को रियासतों में बांटा गया उसके परिणाम दुखद ही रहे वही दशा प्रदेश के बटने पर होने वाली है। उन्होंने कहा कि प्रदेश बटने से जनता का कोई भला नहीं होगा बल्कि देश के लिए एक अलग समस्या ही खड़ी होगी। उन्होंने अपने मन की इच्छा जताते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व विहार को मिलाकर एक प्रदेश बना दिया जाये।
किसान नेता श्री टिकैत ने उत्तराखंड सरकार की सराहना की तथा कहा कि उनकी तरह सब मुख्यमंत्री हों तो कोई समस्या नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्यायें लगभग हर प्रदेश में हैं इनका प्रमुख कारण सरकारों की नीति व नियत में खोट होना है। उन्होंने प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती पर हमला बोलते हुए कहा कि उनके पास किसानों की समस्यायें सुनने का समय तक नहीं है। उन्होंने कहा कि यही फासला समस्याओं को जन्म देता है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे गौरवशाली पद पर आसीन होने के बाद जो गंभीरता व सहनशीलता होनी चाहिए वह उत्तर प्रदेश में दिखायी नहीं देती जबकि उत्तराखंड में समस्याओं को सरकार के समक्ष रखने पर तुरंत निस्तारित किया जाता है। यही कारण है कि वहां गन्ना उत्पादक किसानों को उत्तर प्रदेश से करीब 30 रुपया कुंतल अधिक का भुगतान किया जाता है। इस अवसर पर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष भानु प्रकाश, राष्ट्रीय महासचिव राजपाल शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता अनिल तालियान, प्रदेश उपाध्यक्ष ध्यान सिंह आदि ने गेहूं का समर्थन मूल्य 15 सौ रुपया कुंतल किये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अब सरकार को किसानों की उपज की वाजिब कीमत देनी ही होगी तथा बाहरी देशों से आयात किये जाने वाले खाद्यान्न को यूनियन देश में नहीं बिकने देगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

फ़ॉलोअर