28 जन॰ 2010




'अमर सिंह का "इंतजाम"
सपा ने बहुत देर से किया एक नेक काम '
मोहन सिंह समाजवादी परंपरा के नेता है और राजनैतिक छल प्रपंच को अच्छी तरह समझते है , पर इतने लम्बे समय तक अनैतिक और गैर समाजवादी को झेलते रहे , इससे उनकी ताकत का अंदाज़ा हो जाता है आज जिस बौद्धिक सतर्कता की सपा को जरुरत है वह तो मोहन सिंह में ही है, लेकिन जिस छिछोरे का सफाया करना है उसके लिए यह कितने कुशल साबित होंगे यह देखना होगा .
स्वर्गीय जनेश्वर जी के वारिश के रूप में सपा ने ब्रज भूषण तिवारी का वरन किया है जिन्हें स्वाभाविक तौर पर हकदार भी माना जा सकता है , अब यह देखना है की सपा पञ्च सितारा संस्कृति को छोड़ गाँव और किसान की ओर लौटती है या वैश्वीकरण के गर्भ में समाहित हो जाती है ,
राम आसरे कुशवाहा का समाजवादी चेहरा कितना साफ है यह तो किसी को पता ही नहीं है पर और जो नियुक्तियां हुई है उनमे फिर एक बड़ी भूल नज़र आ रही है माननीय मुलायम के परिवार के अलावा और कोई बौद्धिक 'यादव' नज़र नहीं आ रहा है, सपा को यह भी देखना होगा क्योंकि यादव भी उसकी ओर देख रहा है .
डॉ.लाल रत्नाकर 

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