5 फ़र॰ 2010


अमर अंकल ...........?






अमर अंकल तो रहेंगें ही

Feb 04, 11:27 pm

गोरखपुर [जागरण संवाददता]। सपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव ने गुरुवार को अमर सिंह से चाचा-भतीजा के अपने पुराने रिश्ते की दुहाई दी। साथ ही यह भी कहा..'लेकिन अब उनसे राजनीतिक संबंध नहीं रहेंगे।' लगे हाथ उन्होंने अमर सिंह के उठाए सवालों पर कहा कि सपा कंप्यूटर और अंग्रेजी के खिलाफ नहीं है। लेकिन इसे प्रतिष्ठा का विषय बनाकर आम आदमी की तकदीर से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।
अखिलेश गुरुवार को गोरखपुर में पत्रकारों से मुखातिब थे। सपा छोड़कर बाहर गए नेताओं के लिए उन्होंने 24 घंटे दरवाजा खुला रखने की बात की मगर कल्याण सिंह के सपा में आने की बात हुई तो ना बाबा ना.. के अंदाज में हाथ जोड़ लिए। उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी की बिहार यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें यह पता नहीं कि गरीबी क्या है। एक तरफ महाराष्ट्र की कांग्रेस सरकार में यूपी-बिहार के लोग अपमानित हो रहे हैं और युवा नेता दूसरी तरफ सियासत कर रहे हैं। यादव ने संजरपुर मुद्दे पर कहा कि इस पर सबसे पहले सपा ने स्टैंड किया लेकिन अब कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहा रही है।

अमर ने दी मुलायम को पर्दा उठाने की धमकी

Feb 04, 03:44 pm

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद अमर सिंह और जया प्रदा ने मुलायम सिंह के खिलाफ और आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है। मुलायम को गुमराह करने के लिए खुद पर लग रहे आरोपों से बिलबिलाए अमर ने गुरुवार को उल्टे सवाल पूछा कि 'क्या मुलायम दूध पीते बच्चे थे, जो 14 साल तक उनका हर कहना मानते गए?' अमर ने सपा प्रमुख को पर्दे में रहते हुए धमकी तक दे डाली, 'पर्दे में रहने दो, पर्दा न उठाओ, पर्दा जो उठ गया तो भेद खुल जाएगा।'
अमर ने दावा किया कि 27 जनवरी को मुलायम ने फोन पर बातचीत में उन्हें राज्यसभा व संसदीय समितियों के पद अपने पास रखने देने पर सहमति जताई थी। उन्होंने आगे जोड़ा, 'संजय दत्ता को लखनऊ से उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव सहित जयाप्रदा को रामपुर से चुनाव लड़ाने, पूर्व भाजपा नेता कल्याण सिंह को आगरा में सपा की टोपी पहनाने और उनके पक्ष में नारे लगवाने, उनके पुत्र राजवीर को सपा महासचिव व मंत्री बनाने जैसे सारे फैसले मुलायम सिंह के ही थे।'
सपा नेताओं की तरफ से अपने खिलाफ हो रही असंसदीय टिप्पणियों को दोहराते हुए अमर सिंह ने अपने अंदाज में ही उन्हें वापस भी किया। उन्होंने पूछा, 'प्रो. रामगोपाल ने मुझे कूड़ा कहा है। तो क्या मुलायम सिंह भी कूड़ा हैं, जिन्होंने मुझे 14 साल तक साथ रखा?' वह यहीं नहीं रुके और बोले, 'उत्तार प्रदेश में तीन बार यादव मुख्यमंत्री बन चुका है। सपा को स्थितियों को समझना चाहिए। आखिर पूर्वांचल और आजमगढ़ का यादव कब तक अपने ऊपर सैफई का राज चलाने को तैयार होगा? पूर्वांचल व हरित प्रदेश की बात कैसे गलत है?' उन्होंने आरोप लगाया कि मुलायम सिंह की नीति यादव के विरुद्ध यादव और ठाकुर के विरुद्ध ठाकुर से ही बोलवाने की है। सपा के मौजूदा प्रवक्ता उसी नीति का हिस्सा हैं।
अमर के साथ पत्रकारों से मुखातिब जया प्रदा ने कहा, 'मेरे साथ सपा ने जो किया उससे खुशी तो नहीं, लेकिन दुख भी नहीं है। मेरी पहली पार्टी तेलुगू देशम से तजुर्बा है। हर पार्टी इस्तेमाल करती है और फेंक देती है। अब प्रो. रामगोपाल भी आजम खां की भाषा बोल रहे हैं।' उन्होंने कहा, 'सांसद के रूप में साढ़े चार साल बचे हैं। अमर सिंह के 'लोकमंच' के तहत काम करके बचे हुए कार्यकाल का ठीक से इस्तेमाल करूंगी।'





मुलायम सिंह यादव दूध पीते बच्चे थे या नहीं .......

डॉ.लाल रत्नाकर

"मुलायम सिंह यादव दूध पीते बच्चे थे या नहीं यह अमर सिंह से अच्छी तरह कोई नहीं जनता होगा,क्योंकि जब 'अमर' मुलायम सिंह की सपा में मंडराते हुए आये थे तब सारी 'दुधारू' गायें मुलायम के पास ही थी,यहाँ तक की बसपा भी" -

पर अब क्या हो गया अमर को जो परदे उठा रहे है "लगता है बिना पर्दा उठाये कहीं भर्ती होने की गुन्जाईस नहीं दिखाई दे रही है, चलिए पर्दा भी 'उठाईये' इसी का तो लम्बे समय से इंतजार था, की आपने परदे में क्या क्या गुल खिलाये है -
अमर सिंह जी जिस मुलायम को आपने अपहृत किया था उसका इंतजार लोगों ने तभी से किया है और यैसे वैसे  लोगों ने नहीं जो आपसे ज्यादा काबिल है केवल 'दलाली' के अलावा और आपकी सच्चाई भी यही है की आप बिगड़े हुए 'दलाल' हो जिससे 'दलाली' भी शरमाती है .
मुलायम क्या इन्द्र भगवान भी बहक गए थे अमर सिंह जी, जहाँ आप जैसे इंतजामकार मिल जाएँ तो, मुलायम के हिमायती तो इसी बात से खुश है 'की उनके नेता ने सब रस ले लिया रे 'वह चाहे अमर सिंह के जरिये या........कोई भी हो !
सभी का राजनीति में आने का कोई न कोई उद्देश्य होता है पर अमर का जो उद्देश्य था पूरा हुआ या नहीं पर सबको यह पता हो गया की आप क्या करने आये थे, बड़बोलापन सभी का ख़राब होता है 'मंच' इसलिए नहीं हुआ करते .
अमर सिंह की पूरी चौकड़ी और मंडली ने जितना पूरे आन्दोलन को धक्का पहुचाया वह सदियों तक पूरा नहीं किया जा सकता येसा लोगों का कहना है. मुलायम सिंह यादव को अपने आस पास से यैसे लोगों के हटाने का वक़्त आ गया है और अच्छे लोगो को आगे लाना चहिये ! 
अभी इतना ही .................?
डॉ.लाल रत्नाकर 

2 टिप्‍पणियां:

निर्मला कपिला ने कहा…

ांअच्छी लगी सब खबरें धन्यवाद्

www.kavita-ratnakar.blogspot.com ने कहा…

Dhanyavad Madam.

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