10 दिस॰ 2010



संस्था का कहना है कि अफ़सोसजनक बात ये है कि रिश्वतखोरी के मामलों में सबसे ज़्यादा पुलिसकर्मी लिप्त हैं.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का कहना है कि दुनिया में भ्रष्टाचार की स्थिति बदतर हो रही है और भारत सबसे ज़्यादा भ्रष्ट देशों में गिना जा रहा है.
भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ अभियान चलानेवाली इस अंतरराष्ट्रीय संस्था ने 86 देशों में 90,000 लोगों के सर्वेक्षण में पाया कि 60 प्रतिशत लोग मानते हैं कि रिश्वतखोरी अब आम होती जा रही है.
अफ़गानिस्तान, नाइजीरिया, इराक़ और भारत सबसे ज़्यादा भ्रष्ट देशों की श्रेणी में रखे गए हैं जहां सर्वेक्षण में शामिल आधे से ज़्यादा लोगों ने रिश्वत देने की बात स्वीकार की.
चीन, रूस और मध्यपूर्व में एक तिहाई लोगों ने कहा कि उन्हें अपना काम करवाने के लिए घूस देनी पड़ी.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल का कहना है कि एक चौथाई लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में घूस दी है और रिश्वत लेने वालों में सबसे बड़ी संख्या पुलिसकर्मियों की है.
अफ़गानिस्तान, नाइजीरिया, इराक़ और भारत सबसे ज़्यादा भ्रष्ट देशों की श्रेणी में रखे गए हैं जहां सर्वेक्षण में शामिल आधे से ज़्यादा लोगों ने रिश्वत देने की बात स्वीकार की
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल
सर्वेक्षण में शामिल ज़्यादातर लोगों ने कहा कि ये समस्या पिछले तीन सालों में और ज़्यादा बढ़ी है.
संस्था की वरिष्ठ अधिकारी रॉबिन होडेस का कहना है कि सबसे अफ़सोसजनक बात ये है कि रिश्वतखोरी के मामलों में पुलिसकर्मी सबसे ज़्यादा लिप्त हैं.
उनका कहना था, “ये संख्या पिछले कुछ सालों में बढ़ी है और 2006 की तुलना में तो दोगुनी हो गई है. दुनिया में पुलिस के संपर्क में आनेवाले एक तिहाई लोगों को रिश्वत देनी पड़ी.”
संपन्न यूरोपीय और उत्तरी अमरीकी देशों में छोटे मामलों में रिश्वत देने के उदाहरण बहुत कम हैं.
दुनिया में पुलिस के संपर्क में आनेवाले एक तिहाई लोगों को रिश्वत देनी पड़ी
रॉबिन होडेस, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल
लेकिन अनूठी बात ये भी है कि इन इलाकों में भ्रष्टाचार को लेकर चिंता बढ़ी है.
संस्था का कहना है कि संभवत: वैश्विक आर्थिक मंदी ने सरकारों, बैंकों और आर्थिक संस्थानों के प्रति लोगों के विश्वास को डिगा दिया है.
बीबीसी ने भी एक सर्वेक्षण जारी किया है जिसके अनुसार भारत सहित दुनियाभर में भ्रष्टाचार एक ऐसा विषय है जिसपर सबसे ज़्यादा चर्चा होती है.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ये रिपोर्ट संयुक्त राष्ट की ओर से घोषित अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस के मौके पर जारी हुई है.
(बी.बी.सी.से साभार)

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