16 जून 2011

दैनिक जागरण जौनपुर से साभार-

फिदा हुसैन ने चित्रों में उकेरा आम आदमी का दर्द

Jun 15, 09:18 pm
जौनपुर : लोहिया की प्रेरणा से मकबूल फिदा हुसैन ने आम आदमी के दर्द को अपने चित्रों में बखूबी उकेरा था। चित्रों की भी एक भाषा, गहराई व व्यापकता होती है। उनकी चित्रकारी को देखकर इसका सहज ही एहसास होता है।
उक्त बातें समाजवादी विचारक हनुमान प्रसाद ने बुधवार को ओलन्दगंज स्थित एक होटल में आयोजित संगोष्ठी में कही।
उन्होंने कहा कि दूसरे पिकासो हुसैन साहब ने रंगों में भारत माता के साथ-साथ धरती माता को गहराई से छुआ।
कार्टूनिस्ट व पत्रकार चंचल सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान ने हुसैन साहब को इज्जत व प्यार सब कुछ दिया लेकिन चन्द गुण्डों के कारण उन्हें ढाई गज जमीन नहीं दी जा सकी। कलाकार समाज को जीता है न कि चन्द सरकारी और दरबारी फरमानों को।
कुंवर जय सिंह बाबा ने कहा कि कला के मूल्यांकन और आलोचना का पहला अधिकार कलाकार का है।
संगोष्ठी में विधि विशेषज्ञ साहित्यकार डा.पीसी विश्वकर्मा, व्यंग्यकार सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने भी अपने विचार व्यक्त किये। संचालन कार्यक्रम संयोजक टीडीपीजी कालेज छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष राजेश सिंह ने किया। संगोष्ठी के दौरान सभी ने प्रख्यात चित्रकार को श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस मौके पर कमलेश शुक्ल, डा.शिव प्रसाद सिंह, मिन्नालाल तिवारी, डा.राम औतार सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह, द्विजेन्द्र विश्वात्मा, भानु प्रताप सिंह, विनय कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।

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