11 मार्च 2012


अगली पहल; युवा मुख्यमंत्री की 
डा.लाल रत्नाकर


जो करना है मुख्यमंत्री के रूप में सबसे युवा मुख्यमंत्री को प्रदेश की नयी पीढ़ी के लिए यही नयी पीढ़ी जिसने किसी को नहीं सुना, भले ही अपनी लालच में इन्हें चुना है, केवल और केवल लैपटाप के लिए ही नहीं और न ही बेरोजगारी भत्ते के लिए बल्कि उसने देखा कि उसकी चिन्ता किसको है जहां उसकी चिन्ता थी उसे उसने जम के चुना कैण्डिडेट को नहीं देखा, देखा तो केवल और केवल उसको जो उसकी चिन्ता कर रहा है, यही कारण था कि नेता जी ने इस सच को समझा और उन्होने उस युवा को मौका दिया है, उन युवाओं की इच्छा को पूरा करने के लिए प्रदेश को युवा मुख्यमंत्री मिला है।
घोषणा-पत्र की प्राथमिकताएं तो अपनी जगह है उन्हें करने में ज्यादा वक्त नहीं लगने जा रहा है यदि भ्रष्ट तंत्र पर नियंत्रण हो जाय। क्योंकि प्रदेश को अब और इन्तजार नहीं करना है नाकाबिल और अकर्मण्य मंत्रियों को, अफसरों को और दलालों को यह वक्त है उन्हें बदलने का कर्मठ होने का। इसी कर्मठता से प्रदेश आगे बढ़ेगा। सामाजिक समरसता से छेड़छाड़ करनी होगी सारी हाय तौबा मिडिया का सामाजिक बदलाव की आहट से ही तो है।
लूट की महारानी के दौर में सारा मिडिया मौन था क्यों ? आज सत्ता का हस्तातंरण भी नहीं हुआ पूरे जोर सोर से ‘गुण्डा राज’ की वापसी का कलरव शुरू कराने वाले कौन है इनक पीछे किनको खड़ा कर दिया मिडिया ने। इनसे पूछो किसका दायित्व बनता है ला एण्ड आर्डर का ‘कार्यवाहक मुख्यमंत्री’ का क्या कोई बयान आया उनका, उनकी सत्ता का नियन्त्रण कहां गया, क्या यह न माना जाय कि उनके इशारे पर उन अधिकारियों ने ऐसा उपद्रव कराया हो जिन्हे पता है आने वाली सरकार को ‘बदनाम’ करने के लिए। यह तथ्य तार्किक भी लगते हैं।
फिर भी नेता जी का संरक्षकत्व और उनके भाईयों कि कृपादृष्टि इस युवा मुख्यमंत्री को निश्चित तौर पर अनुभव के अनेक आयाम देंगें। पर डर जिससे लगता है वह है उनके उन कामों से जहां वह नुकसान कर बैठते हैं। जिनमें क्षेत्रियता की बू आती रही है यथा सब कुछ इटावा या सैफई ही है से।
अब नए युवा मुख्यमंत्री को यहां समता का ध्यान देना होगा पूरे प्रदेश का समान विकास कराना होगा वह चाहे पूर्वी उत्तर प्रदेश हो या बुन्देलखण्ड हो। सबको विकास से जोड़ना होगा, नहीं तो प्रदेश की उत्तरोत्तर दुर्दशा होगी और किसी तरह इनके भी 5 वर्ष कट जाएंगे पर कोई नाम लेने वाला नहीं होगा। आजादी के बाद से उपेक्षित ए क्षेत्र अन्ततः किसी न किसी दलाल की बात मानने को तैयार हो जाएंगे और प्रदेश के बटवारे के लिए आन्दोलन कर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करेंगे। अतः इनपर गौर ही नहीं अमल करना होगा-
1. किसानों की समस्याओं को देखना होगा जिसमें उनके कर्ज तथा अनेक समस्याओं से निजात दिलाने का प्रयास कराना होगा।
2. मजदूरों की समस्याओं को देखना होगा को देखना होगा एवं निजात दिलाने का प्रयास कराना होगा। 
3. कारखानों और उद्यमियों की समस्याओं को देखना होगा एवं निजात दिलाने का प्रयास कराना होगा। 
4. स्वास्थ्य और शिक्षा पर नजर रखना होगा।
5. आवास पीने का पानी तथा बिजली मुहैया करानी होगी।
6. निरंकुश ठेकेदारों की फौज रातोंरात सेठ,राजनेता,सामंत बनने को तैयार बैठे हैं यह सब नेता जी के शरण में आने को आतुर हैं उन्हे रोकना होगा। 
7. राहुल गांधी को काबिल कहने वाले सारे द्विज नेता जी को पीछे गालियां बकने वाले कोई न कोई सम्बन्ध निकाल ही लेंगे अपना हित साधने के लिए।
8. सारे भ्रष्ट अधिकारी शिष्ट होकर शरण में आ जाएंगे और उनके राजकाज इस राज के समापन तक आराम से यहां भी अपनी चाल चल रहे होंगे।
परन्तु इन सबसे दूर खड़ा होगा इनका मतदाता लाईन में भी नहीं और आगे आ रहा होगा घूसखोर। इनसे पार्टी को निजात दिलाने का प्रयास कराना होगा युवा मुख्यमंत्री को। 

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