(यह है यादवों के प्रति अविश्वास, जहा तक मेरी जानकारी है 'आप' पार्टी महाभ्रष्टों की पार्टी है इन्होने लोकसभा के टिकट बांटने में अरबों खरबों कमाया है, संजय सिंह ने तो हद कर दी है न जाने कितने रुपये इन्होने लूटा है एक 'गिरोह है तीन का मनीष अरविन्द और संजय का' जिन्हे कोई भी भला नहीं लगता मैं तो पहले भी कहा था यादव जी को की आपके लिए ये ठीक जगह नहीं है, पर न जाने उन्हें क्या दिखा था इनमें !)
'केजरीवाल को खत्म करना चाहते हैं योगेंद्र यादव'
पार्टी की बदनामी करा रहे हैं यादव
आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेता मनीष सिसोदिया ने एक चिट्ठी लिखकर हलचल मचा दी है। उन्होंने चिट्ठी में हाल ही में पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने वाले योगेंद्र यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
इस चिट्ठी ने आप में चल रहे अंदरूनी झगड़े को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि योगेंद्र यादव मीडिया और देश के सामने नवीन जयहिंद से झगड़ा कर रहे हैं। इससे पार्टी की बदनामी हो रही है।
वह मामले में अरविंद केजरीवाल से नवीन जयहिंद पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करवाना चाहते थे। कार्रवाई न होने पर उन्होंने पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया। मनीष ने योगेंद्र यादव से पूछा है कि आप नवीन जयहिंद से जीतना चाहते हैं, या अरविंद केजरीवाल से।
इस चिट्ठी ने आप में चल रहे अंदरूनी झगड़े को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि योगेंद्र यादव मीडिया और देश के सामने नवीन जयहिंद से झगड़ा कर रहे हैं। इससे पार्टी की बदनामी हो रही है।
वह मामले में अरविंद केजरीवाल से नवीन जयहिंद पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करवाना चाहते थे। कार्रवाई न होने पर उन्होंने पार्टी के पदों से इस्तीफा दे दिया। मनीष ने योगेंद्र यादव से पूछा है कि आप नवीन जयहिंद से जीतना चाहते हैं, या अरविंद केजरीवाल से।
केजरीवाल देशभर में नहीं लड़ना चाहते थे चुनाव
मनीष सिसोदिया ने लिखा है कि अरविंद केजरीवाल इस बार पूरे देश में लोकसभा चुनाव लड़ने के खिलाफ थे। वह अभी कुछ सालों तक दिल्ली की राजनीति पर ही पूरी तरह ध्यान लगाना चाहते थे। लेकिन पार्टी के कुछ खास नेताओं ने उन्हें पूरे देश में चुनाव लड़ने के लिए विवश किया। अब नतीजे सामने हैं।
मनीष ने आरोप लगाया है नवीन जयहिंद से झगड़े के बाद योगेंद्र यादव का पार्टी के प्रति व्यवहार पूरी तरह बदल गया है। उनके व्यवहार से लग रहा है कि वह पार्टी और अरविंद केजरीवाल को खत्म करना चाहते हैं। इसलिए मनीष ने योगेंद्र से पूछा है कि आप ऐसा क्यों करना चाहते हैं।
मनीष ने आरोप लगाया है नवीन जयहिंद से झगड़े के बाद योगेंद्र यादव का पार्टी के प्रति व्यवहार पूरी तरह बदल गया है। उनके व्यवहार से लग रहा है कि वह पार्टी और अरविंद केजरीवाल को खत्म करना चाहते हैं। इसलिए मनीष ने योगेंद्र से पूछा है कि आप ऐसा क्यों करना चाहते हैं।
अब आप की मीटिंग में नहीं आते यादव
मनीष सिसोदिया ने योगेंद्र यादव पर पार्टी की अहम बैठकों में न आने का भी आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है कि योगेंद्र यादव इन दिनों पार्टी की बैठकों में नहीं आते हैं।
साथ ही इस्तीफा देने के बाद से वह पार्टी को कई तरह के ईमेल कर रहे हैं। मनीष ने पूछा है कि इन ईमेल के जरिए वह क्या दिखाना चाहते हैं।
मनीष सिसोदिया के इन आरोपों से पहले बृहस्पतिवार सुबह ही महाराष्ट्र में पार्टी का चेहरा अंजलि दमानिया और प्रीती मेनन ने पार्टी छोड़ दी थी। हालांकि दोनों ने पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह है, यह बताने से मना कर दिया था।
साथ ही इस्तीफा देने के बाद से वह पार्टी को कई तरह के ईमेल कर रहे हैं। मनीष ने पूछा है कि इन ईमेल के जरिए वह क्या दिखाना चाहते हैं।
मनीष सिसोदिया के इन आरोपों से पहले बृहस्पतिवार सुबह ही महाराष्ट्र में पार्टी का चेहरा अंजलि दमानिया और प्रीती मेनन ने पार्टी छोड़ दी थी। हालांकि दोनों ने पार्टी छोड़ने के पीछे क्या वजह है, यह बताने से मना कर दिया था।
रणनीति फेल होने पर सफाई देने को कहा
चिट्ठी में सिसोदिया ने योगेंद्र यादव की रणनीति पर सवाल उठाया है। उन्होंने लिखा है, ‘चुनाव से पहले आपने कहा था कि जो रणनीति तैयार की गई है, उससे पार्टी को अच्छी सीटें मिलेंगी। पूरे देश में ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार उतारना आपकी ही रणनीति का हिस्सा था।
खुद के सर्वे का हवाला देते हुए आपने हरियाणा में बेहतर प्रदर्शन का वादा किया था। अपनी खुद की जीत पक्की बता रहे थे। अब, जबकि पार्टी की यह गति हुई है तो आपको अपनी रणनीति के बारे में जवाब देना चाहिए।’
सूत्रों के मुताबिक, सिसोदिया ने यह भी लिखा है कि अरविंद केजरीवाल चुनाव में ज्यादा उम्मीदवार उतारने के पक्ष में नहीं थे और न ही खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन योगेंद्र यादव के कहने पर ही वे इसके लिए राजी हुए।
खुद के सर्वे का हवाला देते हुए आपने हरियाणा में बेहतर प्रदर्शन का वादा किया था। अपनी खुद की जीत पक्की बता रहे थे। अब, जबकि पार्टी की यह गति हुई है तो आपको अपनी रणनीति के बारे में जवाब देना चाहिए।’
सूत्रों के मुताबिक, सिसोदिया ने यह भी लिखा है कि अरविंद केजरीवाल चुनाव में ज्यादा उम्मीदवार उतारने के पक्ष में नहीं थे और न ही खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन योगेंद्र यादव के कहने पर ही वे इसके लिए राजी हुए।
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